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उनका दिल हमारे लिए बैचैन हैं ।
कहती हैं क्या गजब लिखते हो ।
मैं... read more
मेरे महबूब के चेहरे पर pimple निकल आये हैं ।
पहले से ही थे वो चाँद, अब तो सितारे भी संग लाये हैं।।-
लफ्जो का कारवां ए दस्तूर गवा बैठे है ,
नाम के साथ अपने कारतूस लगा बैठे है,
चंद दिन कलम को अलमारी में क्या रख
दिया हमने ,
ये नए नए कबूतर भी कलम उठा बैठे है ,
बारूद ए कलम का सियासत करेंगे ,
और हो गए है दिन काफी अब फिर से
अपनी कलम को धार से लोगों के
दिलों पर कब्जा करेंगे ..........
कलम ए बारूद...........✍🏻-
खून में गर्मी आज भी बरकरार है और दिल में शौक ए हुकूमत रखते है ,
और कुचलते है आज भी दुश्मनों की झूठी शान को ,
फर्क बस इतना है की अब
बारूद की जगह स्याही और हथियार की जगह कलम ने ली है ,
और गलियों के नवाब क्या हम तो आज भी ,
किसी सल्तनत के बादशाह को झुकाने की औकात रखते है ।।-
छु जाते हो हर रोज मुझे एक नया ख्वाब सा बनकर,
ये दुनियां तो बेवजह कहती है तुम मेरे करीब नहीं।।
ख्वाबों को हकीकत में बदलने की कला सी आ जाएगी,
रातों में बनकर नींद सा सुकून दिल में समा जाएगी,
और कहती है दुनियां तो कहने दो ,
मेरे बातों में जिक्र तुम्हारा आता है जज्बात बनकर,
और दुनियां भी उस दिन दंग हो जाएगी ,
जब ये कायनात तुम्हे मेरा बना जाएगी।
@sweet_shayar2104❤️@wordsofnikhiljha❤️
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न चाहते हुए भी उनकी मुस्कान
के हम कायल हो जाते है ,
और जब भी पहनती है वो
पलाजो के साथ पायल
उनकी इस सादगी पर ही
हम घायल हो जाते है ।।-
लोग कहते है मेरी हर बात बहुत अलग होती है ,
ज़िन्दगी के हिसाब से बहुत पड़े होती है ,
कुछ भी लिख देता है तू अपनी कलम से ,
हुकूमत की बात करता है , तो सल्तनत झुकाने की बात करता है ,
दिलों में राज तो खुद पर नाज की बात करता है ,
नया ट्रेंड तो नया दौर चलाना चाहता है ,
काफिलों के साथ अपनी बात बनना चाहता है ,
भीड़ से अलग चलकर तू क्या साबित करना चाहता है ,
बगावतें इश्क़ तो न जाने कौनसे रीत की बात करता है ,
हथियार तो कलम की धार की बात करता है ,
धीरे धीरे ही सही मगर हर बात को सच्चाई से जोड़ने की बात करता है ,
निखिल तू कलम ही चलाता है या अपने कलम के सहारे लोगों का नजरिया बदलना चाहता है ।।-