रिश्ता
कभी प्यार कभी दर्द ,रिश्ते की निशानी है,
कभी मुस्कान तो कभी आंसू , रिश्ते की निशानी है,
बेवजह की खुशी तो कभी परेशानी, रिश्ते की निशानी है,
गुस्से में भी उसका ही खयाल आना, रिश्ते की निशानी है ।
पर
चाहने वाले की बर्बादी चाहना, रिश्ते के अंत की निशानी है ।।-
You Survive 💥
And You Will Stand By Yourself Until Die✨✨
And
We ware/are/will wi... read more
आज वही हुआ
छोड़ गया वो मुझे नादान बोल कर,
कर गया दूर मुझे पराया बोल कर,
बचा ही क्या था मेरे पास उसे छोड़ कर,
चला गया वो मेरा दिल तोड़ कर।
कह दिया बदनाम हो रहे हैं वो मेरे नाम से,
क्या गिला करें हम अब उनके काम से ।
-
किया भरोसा तोड़ दिया ,
तुमने मुझको छोड़ दिया ।
दिल के नाते कह गए थे ,
बहुत से वादे रह गए थे ।
किया जो तुम पर विश्वास ,
वहीं हो गया मेरा ह्वास ।
-
छुपा लिया सब कुछ मैने
कुछ न कहा सबसे मैने ।
अंदर अंदर जलती रही
मैं अंदर अंदर मरती रही ।
चुपचाप जिंदगी के पथ पर
दर्द की वो आहें सह कर ।
न करवट ली कभी नींद में
न मुड़ कर देखा भीड़ में ।
हैवान का दर्द सह चली मैं
बिना बोले ही कह चली मैं ।-
एक ज्वाला था मेरे अंदर,
जो आज निकल गया,
निकला तो क्या खूब निकला,
रूह को भी साथ ले निकल गया ।-
सच्चे शब्द
देखना सीखा, दर्द मिला ।
चलना सीखा, दर्द मिला ।
कहना सीखा, दर्द मिला ।
पढ़ना सीखा, दर्द मिला ।
लड़ना सीखा, दर्द मिला ।
प्यार करना सीखा , दर्द मिला ।
आखिर में.....
दर्द को सहना सीखा,
तो ओर भी अधिक दर्द मिला ।-
खामोशी यूँ घर कर गई दिल मे,
कि खुद की आवाज भी सुनाई नही देती,
अब जा कर अहसास हुआ है कि,
शोर की कीमत क्या है।-
हताश हूं मैं अब इस जीवन से,
थका पड़ा हूं अपने तन से,
रूह भी रो कर बोल चुकी है,
कहे है जीवन छोड़ चुकी है ।
कलम चलाता मेरा हाथ,
छोड़ रहा है ये भी साथ ।
कदम मिला कर साथ चला था,
लूट गया वो मेरी दुनिया,
बैठा रहा खयाल में जिसके,
मुझसे दूर ख्वाब थे उसके ।
न रह गया कोई अब साथ,
यही है जिंदगी की सौगात ।-
किया जीवन, नाम था जिसके ,
सहने पड़े दर्द हवस के ।
मित्रो संग किया वो काम,
जिसने ले लिऐ मेरे प्राण ।
बोहत कह कर भी,
बोल ना पाई,
तेरे संग रिश्ता जहर का पाई ।
छलनी कर दिया मेरा सीना,
हवस को अपनी मुझ पर रख के ।-
हर तरफ बस लाल लहू है।
मुझे मार, अब दूर तू क्यूं है।
पहल करी जब प्यार दिखाया,
दूजी पहर पास तू आया,
अगली पहर शरीर लगाया,
अपने तन से नोच कर खाया।
भूख मिटी जो तेरी आखिर,
मुझे भूल किसी और को करने चला हासिल ।-