लोग बात बात पर मुझे अपनी औकात याद दिलाते हैं,
आज मुझे अपनी औकात पर हसी आई।-
जिंदगी तु हर बात पर रुठ ना जाया कर,
मैं अगर तुझे मनाउ तो तू मान जाया कर।
जानता हूँ मैं देखता सपने औकात से बडे,
पर तु भी कभी तो हाँ में हाँ मीलाया कर।
सोचता हु मिले मंजिल मुझे भी एक दिन,
मेरे ख्वाबों का कुछ बोझ तु भी उठाया कर।
मैं हार नहीं मानूंगा कभी ए जिंदगी तुझसे,
तु तेरा साथ देकर कभी तो जीता या कर।
मैं रूठ जाऊं अगर तुझसे कभी ए जिंदगी,
तू भी कभी मेरी मां जैसे आकर मनाया कर।-
गुब्बारे बेचने वाले बच्चे से आज यु हुवा सौदा,
कुछ बचपन मैंने खरीद लिए कुछ सपने उसने बेचे।-
ओढ़ कर जिम्मेदारीया रुठा हैं तु बचपन मुझसे,
मिलेंगे हम फिर किसी मोड़ पर ।-
मैंने इश्क करके ये जाना,
खुदको बरबाद करने के लीए ये आसान तरीका हैं ।-
मेरे नबी(.स अ.व" ने फरमाया तुम पर दुख दर्द आए,
तो मेरे दुख दर्द याद करना तुम्हें अपने दुख हल्के महसूस होंगे।-
हमना उनके खास थे ओर नाही बन पाऐंगे,
वो तो सिर्फ हमें फुर्सत में याद करते थे।-