छोटी सी ज़िन्दगी में, अरमान बहोत थे
हमदर्द न था कोई, मगर इंसान बहोत थे?-
Wasey Naqvi
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सांस रुक रुक के आ रही है मेरी
कुछ न कुछ बात होने वाली है.
या बहोत दूर जा चुका है कोई
या मुलाक़... read more
कुछ न कुछ बात होने वाली है.
या बहोत दूर जा चुका है कोई
या मुलाक़... read more
Joined 20 September 2018
24 NOV 2022 AT 20:47
9 OCT 2022 AT 19:22
आ देख ज़िन्दगी, तुझे किस हौसले से हम
जब बसर न कर पाये, तो फिर झेलने लगे😟-
9 OCT 2022 AT 18:38
यूं न कहो कि सब क़िसमत की बात है
मेरी तन्हाई में कुछ, तुम्हारा भी हाथ है😒-
5 OCT 2022 AT 19:46
ज़माना कल भी "ख़राब" था
और आज भी ख़राब है;
द्रौपदी का चीर हरण करने वाले को;
भूल गये लोग;
पर;
जिसने सीता को हाथ भी नही लगाया;
वो आज तक जल रहा है;।-
1 OCT 2022 AT 20:28
इससे पहले कि मैं तस्वीरों में रह जाऊं फ़क़त
मुझसे बातें करो, देखो मैं मयस्सर हूं अभी।-
17 JUL 2022 AT 12:05
लोग पत्थर को ख़ुदा मानकर मासूम रहे
मैंने एक शक़्स को चाहा तो गुनाहगार हुआ।-
30 JUN 2022 AT 14:10
जिसकी जैसी नियत, वो वैसी कहानी रखता है
कोई परिंदों के लिये बंदूक़, तो कोई पानी रखता है।-
29 JUN 2022 AT 20:41
जब ज़रूरत हो तुम चले आना
दिल के बाहर, क़तार थोड़ी है
हरे रखती है ज़ख्म दुनिया भी
तुमपे दारो-मदार थोड़ी है।-