She sees her whole universe in me,
I see my little world in her !
Celebrating every moment
In cuddles, giggles, tears & sleepless nights,
Celebrating purest form of love
I wonder how this tiny human grew inside !
Thats how we are growing together
Her as a blooming flower
I, as a selfless mother !-
बुरा लिखती हूँ,
अपने आप को लिखने की कोशिश,
हर दफा करती हूँ ||
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हर लफ़्ज़ में सच्चाई है,
शुकर है दिल की बात ज़बाँ तक तो आई है!
ख्यालो सवालो के दायारो में सिमटी हुई बेनींद आंखो ने,
उन बेनींद आँखों से देखे हजारो ख्वाबो ने,
तिनका तिनका हकीकत की ज़मीन चाही है,
शुकर है दिल की बात....!
आँखो आँखो में इज़हार-इन्कार करते रहे,
धागा धागा इश्क का उधड़ते-बुनते रहे,
ख़ुद से की कई गुफ़्तगू से, बात मुलाक़ात पर आ गई,
तेज़ धड़कनो ने अब जाकर राहत पाई है,
शुकर है दिल की बात...!-
आज़ादी के 78 साल बाद भी,
इस देश में मेरा दम घुटता है !
अकेले तो सुरक्षित नहीं थे पहले,
अब भिड़ में भी डर लगता है !
आज़ाद मैं नहीं वो जानवर है,
मासूम के शिकार में जो निडर भटकता है !
जब कभी निर्भया सा कुछ सुनती हूं,
‘जीने क्यों नहीं देते हमें? '
दिल चीख-चीख कर कहता है !
स्वाधीनता के सालो से अफ़साने गए जा रहे हैं,
क्या मेरी पुकार कोई सुन सकता है ?
रिहाई और कैद में बस लिखाई का फर्क है,
मेरे लिए ये दोनों ही फरेब से कम नहीं !
आज़ादी की कई परिभाषाओ मे,
मुझे इसका दूसरा नाम ‘’Candle March’’ सा लगता है!-
Over the time I realised that toughest thing for a person is to hide their emotions or show the false one. You cry when you actually gotta smile, you smile when deep down you want to actually cry out loud. Emotions! Emotions! They are strange, aren’t they?
But the fact remains unchanged. No matter how we express them, they make us who we are, the humans.
The only point I want to make here is, express yourself as much as you can through this amazing media, be it sadness or a bliss. Be true to yourself. Because letting our heart speak is most times a best medicine we can prescribe to ourselves 💕-
थोड़ा सब्र कर थोड़ा और संभल
अभी भी बहुत दूर चलना है!
तू कल भले ही भिड़ में थी,
आज मगर अकेली है,
काफ़िरों से उम्मीद ना कर,
ये तेरा सफर तुझे ही पूरा करना है!
तू किस सहारे को खोज रही है,
किन आँखों में हमदर्दी ढूंढ रही है?
समझे तुझे ऐसा कोई कहा,
तुझे ही तुझको समझना है!
इतनी कमज़ोर तो नहीं ना तू
गहरी सांस ले चल उठ खड़ी हो,
आंसू बहाने से क्या होगा
सच तो ये की
तुझे फिर एक बार उसी दौर से गुजरना है
अभी तो बहुत दूर चलना है!-
उम्मीद करते हुए मेरे दिन गुजर जाते हैं
श्यामें भी यूँ ही बीत जाती हैं !
मेरे होने से माना उन्हें फर्क पड़ता है
मेरे ना होने से मगर कुछ असर दिखता नहीं !
वो जताते नहीं या शायद मैं ही समझती नहीं
ये कैसी गुत्थी है जो सुलझाएं सुलझती नहीं !
बैचैन हो उठती हू कुछ वक्त बाद
सोचती हूं क्या काम आया मेरा इंतजार ?
खुद ही खुद को समझाती हूं फिर एक बार
फ़िज़ूल है जान कर भी दोहराती हूँ यही कहानी बार-बार!-
गुरूर ना करना आसमान छू लिया हो अगर !
सवेरा लाने धूप को भी ज़मीन पर आना ही पड़ता है साहब !-
तेरे मेरे दरमियाँ
कुछ तो बेहद खास है
पहले कभी हुआ ना हो
तू वो प्यारा सा एहसास है !-
ख्वाइशों के साथ
मेहनत और लगन से जो भरी जाए
उसे उडान कहते है !
असम्भव को सम्भव कर
कठिनाई से पहुंचा जाए जहां
उस मंज़िल को मुक़ाम कहते है !
कामयाबी अनेक रूप में आ सकती है मगर
जिस पर पूरा देश एक साथ फ़क़्र से झूम उठे
उसे चन्द्रयान कहते !-