Warisha firdoush  
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Joined 11 April 2020


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Joined 11 April 2020
2 NOV 2024 AT 23:47

Rutha Mt Karo mujhe manane nhi aata
Mohabbat be imtehaan krti hun
Par Jatana nhi aata.

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29 JAN 2022 AT 21:50

आहिस्ता-आहिस्ता दिल के करीब वो आने लगे
इस दिल में मोहब्बत के फूल खिलने लगे,

आहिस्ता-आहिस्ता आँखों-आँखों में बातें होने लगी
सरारत भारी निगाहों से सरारते होने लगी,

आहिस्ता-आहिस्ता मिलने के बहाने ढूढ़ने लगे
दुनिया की नज़रों से चोरी छुपे मिलने लगे,

आहिस्ता-आहिस्ता कदम से कदम मिला कर चलने लगे
हाथों में हाथ थाम साथ चलने लगे,

आहिस्ता-आहिस्ता दो दिल मिलने लगे
मोहब्बत के फूल दिलों में खिलने लगे।
— % &

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20 JAN 2022 AT 12:17

जिने का सहारा मिला,
तू जो मिला तोह! डूबती
हुई कस्ती को किनारा मिला।

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30 DEC 2021 AT 13:44

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दिसंबर अपने साथ कई यादों को
ले कर जाने वाला हैं,
इस साल बहुत कुछ खोया हैं हमने,
कुछ अपनों को तोह कुछ रिश्तों को,
जाते जाते ये दिसंबर बहुत कुछ सिखाते
जा रहा हैं,
चेहरे के पीछे छुपे कई चेहरे दिखाते जा रहा हैं।

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28 DEC 2021 AT 22:02

तुझसे लिपट कर!
जी भरकर रोना चाहती हूँ,
एक दफ़ा में फिरसे जीना चाहती हूँ।

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24 DEC 2021 AT 13:28

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समय तो लगेगा खुद को सँभालने में
समय तो लगेगा उससे भूल जाने में
समय तो लगेगा खुद को समेटने में
समय तो लगेगा एक दफ़ा फिर से जिने में
समय तो लगेगा सब कुछ भूल कर मुस्कुराने में।

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23 DEC 2021 AT 10:30

मुश्किल था उससे भूल पाना,
उसकी यादों को भूल पाना,
उसकी मोहब्बत को भूल पाना,
उसकी सरारत भारी अदाओं को
भूल पाना।

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21 SEP 2020 AT 10:57

क्यों डरी-डरी सहमी-सहमी सी रहती हो
क्यों खुद को ख़ुदी से छुपा के रखी हो,
खुल कर सामने आने से डरती हो,
खुद में उलझी उलझी सी रहती हो,
कुछ ना कहती हो चुप हर दर्द सहती हो,
हो! सबसे अलग ये कहने से घबराती हो।

क्या कहेगा समाज! एक लड़की हो कर
एक लड़की को चाहती हो,
इस डर से घुट-घुट कर रहती हो,
अंदर ही अंदर दर सहती हो,
कोई पहचान ना ले इसलिए सबसे
अपनी पहचान छुपाती हो,

पर कब तक चलेगा ऐसा!
कब तक समाज के डर से
घुट-घुट कर डर-डर कर जीती रहोगी,
अपनी पहचान सबसे छुपाते रहोगी,
एक लड़की हो कर लड़की को चाहना
ये कोई पाप नहीं,
भागो मत खुद से और इस समाज से,
सामना करो खुद का और समाज का,
और अपनी एक नई पहचान बनाओ
अपने अस्तित्व को उज़ागर करो,
अपने अंदर की रोशनी से
जग रोशन कर जाओ।

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18 JUL 2020 AT 21:37


हमलोग कभी साथ हुआ करते थे,
दूर होकर भी पास हुआ करते थे।

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5 JAN 2022 AT 20:54

ताउम्र कोई किसी का इंतजार नहीं करता।

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