नए ज़ख़्मों पे तू ऐसे दवा कर दे
पुराना ज़ख़्म कोई बस हरा कर दे
दिलों में आग बस सुलगाई है तूने
है भड़कानी अगर थोड़ी हवा कर दे
बिछड़ने का इरादा कर लिया है गर
तो अपना नक़्श इस दिल से मिटा कर दे
हिमायत दूसरों की करता रहता है
मेरे दिल को कोई मेरा सगा कर दे
सुना था आते हैं बदलाव उल्फ़त में
मगर इतना कि उनको तोतला कर दे
कहा है ज़िन्दगी उसको अगर तुमने
ये फिर कैसे है मुमकिन वो वफ़ा कर दे
अयाँ भी हो 'तबस्सुम' और ओझल भी
हँसी को तू ग़मों से धुँदला कर दे
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