ईश्वर को दुनिया में चलने वाली
इकलौती करेंसी का नाम है "कर्म" ✨🌻-
Live in - मैं एक लेखक हूं और अपनी काल्पनिक दुनिया
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समझौता ही तो पसंद नहीं था,
पर वहीं जिंदगी बन गया...
आधा अधूरा कुछ भी नहीं चाहिए था,
पर नसीब में सब अधूरा ही रह गया..!!💔🌻✨-
चक्रवयूह रचने वाले अपने ही होते हैं ,
ये बात कल भी सच थी और आज भी।। 🌻✨-
आज की रात मुझे मार रही है। ऐसा लग रहा हर सांस में दर्द,
जैसे फेफड़े जहर से भरे हों। मैं कौन हूं? एक जीवित लाश?
दीवारें सिकुड़ रही हैं, सांस घुट रही है। क्यों जीना?
सब कुछ व्यर्थ। विचार रुक नहीं रहे है – मरने का ख्याल
आ रहा है, बस थक गया हूं इस यातना से। , तुममेरी आखिरी चीख हो 💔🥺-
वो अक्सर मेरे भीतर लौट आती थी
मैं समझ नहीं पाता था कि
क्या मैं उसे याद कर रहा हूँ,
या वह मुझे याद कर रही है ..✨❤️🩹-
क्योंकि वह तुम्हारे भीतर आत्मा की उस लालसा का प्रतीक बन गई है
, जो अनंत को छूना चाहती है।उसका होना तुम्हें याद दिलाता है
कि तुम सिर्फ़ किताबों और परीक्षाओं के लिए पैदा नहीं
हुए,तुम्हारे भीतर कोई ऐसी शक्ति है जो सौंदर्य,
अपनापन और सत्य की खोज में भटकती है।
उसके रूप में तुम उसी खोज की झलक देखते हो।-
उसे गुरुर है, उसे चाहने वाले बहुत है
मुझे सब्र है, मुझ जैसा एक ना होगा..✨🌻🥀-
क्यों मैं उसके ख्यालों में इतना डूब जाता हूँ
कि बाकी सब धुंधला हो जाता है ❓-
एक समय था जब उसकी आँखों का जादू मुझे जीवित होने का
कारण लगता था। लगता था, जैसे मृत्यु भी अगर सामने आ
जाए तो मैं उसकी आँखों में डूबकर उससे बच जाऊँगा।❤️🩹❓-