तुम्हारा भी दिल मुन्तशिर तो है,
ठहर कर ज़रा, सहलाकर तो देखो!
तुम्हारे यहाँ भी सुकूं मुन्तज़िर तो है,
ठहर कर ज़रा,
छत पर जाकर तो देखो!
चाँद नही आसमां में आज,
भीतर के उजाले को शमा बना के देखो,
ज़रा ठहरो और छत पर जाकर तो देखो !-
If early in the morning, you rise,
but nights often tend to get late.
In your palm lines, then nothing lies,
You, yourself, create your fate.-
खुले आसमां तले,
चांद की रोशनी में,
ज़रा नहाके तो देखो!
ख़ामोशी से लिपटा सुकून,
मुंतजिर हैं तुम्हारा,
तुम भी कभी,
उसे चाह के तो देखो ।
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के ज़ख्म कितने भी हो,
यह सब भर देता हैं।
खिला चांद, सितारें हजारों,
ऐसा सुकून भला कोई शख़्स देता हैं ?-
गुज़र गया रफ़्ता- रफ़्ता,
इस बार भी, एक और हफ़्ता,
मैं, वहीं हाशिए पर खड़ा रहा,
चाह लाख मगर,
न हो सका बेपरवाह
और न आया बेचैन रूह को करार,
मैं अब भी वहीं हूं,
खुद की तलाश में,
खुद से ही फ़रार ।-
बेहिसाब हसरते न पालिये,
जो मिला उसे संभालिए।
मुस्कुराइये इस पल में,
और, चिंता कल पे टालिये।
दिल बड़ी नाज़ुक चीज़ हैं जनाब,
बोझ औरों के अरामनों का आप,
यूँ इस पर न डालिए।
बेहिसाब हसरते न पालिये,
जो मिला उसे संभालिए।
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उलझन
सवाल
बेचैनी है भीतर,
तार मगर कोई टूटा तो नहीं है,
मुकम्मल सब तो है पास चाहने वाले,
यार मगर कोई रूठा तो नहीं है।
जवाब
तो लगता है दुनियां की तुमने, फिर से जी हुजूरी की होगी,
दूरी इस बार भी दूजे से नही, खुद से ही की होगी।-
Dear Night,
दौलत की दौड़ है,
शौहरत का शौक़ है।
सब कुछ पाने की जल्दी है,
खोने का सब खौफ़ है।
इन सब को तुम थाम लेती हो,
ऐ रात, मुझ जैसे हर बेचैन दिल को,
तुम आराम देती हो ।-
Jab thi dabi barson se,
Puri hui hai aaj guzarish,
Pyasi dharati ko milane aasaman se,
Ho rahi hai yeh barish🌨️🌨️-