क्या तुमने करीब से किसी को जाते देखा है..., जाना ऐसा की वो तुमसे बिना मिले चला गया हो, फिर उसके दोबारा आने तक तुम्हे वो नही, उसका जाने से पहले तुमसे ना मिलना याद आता रहेगा..।
सबकी ज़िंदगी में एक (*) लगा हुआ है, सबकी अपनी-अपनी, 'terms and conditions' हैं, और जिस दिन कोई हमसे कहे की तु ही तो है जो मुझे बेहतर जानता है, उस दिन वो अपने (*) के सापेक्ष बोल रहा होता है..।
एक अजीब सी कपकपाहट और बेचैनी, जब दिल को रास्ता ही ना सूझ रहा हो की क्या किया जाये, सबसे ख़ुशियों भरे पल में, सबसे ज्यादा हलचल दिल में ही तो होती है.., सिर्फ प्रेम ही तो है जो दिल को एहसास कराता है उसकी मौजूदगी का..।
कभी कितना काम करने पर भी थकान नही और कभी बिना कुछ किये ही आलस्य, कभी समय पर भी नींद नही, और कभी बिना वजह झपकी कभी व्यस्त होने पर भी समय, कभी समय होने पर भी व्यस्तता..,
क्योंकि कभी-कभी हम, ज़िंदगी जी रहे होते हैं, और कभी दुनिया की भीड़ में खो रहे होते हैं..।
यदि कहानियाँ कहते वक़्त दादी-नानी बीच में कभी कभी रुक जाती हो, यदि ऑफिस से लौटते वक़्त तुम 2 मिनट बच्चो के साथ बैट-बॉल खेल लेते हो, यदि माँ खाना बनाते वक़्त अपने पसंदीदा गाने पर रुक कर थिरक लेती हो, यदि स्कूल में तुम भी अपने साथी की शर्ट पर कुछ चिपका दिया करते हो, तो बचपना महफूज़ है अभी परिवारों में हमारे..❤