"एक पहचान"
हर दिन ना जाने कितने लोग आते है
और इस दुनिया से चले जाते है
पर सबके बारे में दुनिया वाले कहा जान पाते है
हम भी है चलो सबको बताते है
चलो हम भी अपनी एक पहचान बनाते है
एक वो है जिसके जाने से जमाना रो देता है
एक वो है जिसके पास रोने को अपना भी नहीं होता है
चलो इस दुनिया को अपना बनाते है
चलो हम भी अपनी एक पहचान बनाते है
सपने तो कई है पर चल अपनी एक मंजिल बनाते है
बिना रूके निरंतर चलते है और
मंजिल को गले लगाते है
चलो हम भी अपनी पहचान बनाते है
चलो आशा से निराशा को हराते है
'आशा की किरण'से अपने सपनों का सूरज चमकाते है
चल 'महक'सबको बताते है
चलो हम भी अपनी एक पहचान बनाते है
-:योगिता वर्मा 'महक'
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🎂🎁 22 JUNE 🎁🎂
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😀सीधी सादी Sim... read more
रात से मोहब्बत भी है और डर भी लगता है
सुबह भी उदासी नहीं जाती और रात आँसुओं का घर लगता है
खुश हूं ये दिखाने के लिए बिना खुशी के मुस्कुराना पङता है
हर सुबह तकिया गीला-सा लगता है
दिल की हर बात दिल से कहकर दिल को ही सुनाना पङता है
अपने तो बहुत है पर अब कोई अपना ना लगता है
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कीमत लगा दी आज तुमने उसके इज्ज़त की
क्या तुम खुद को उतने में बेच पाओगे ?
कहते हो तुम सबको माताएं - बहने तो बताओ
क्या तुम अपनी ही मां की कीमत लगा पाओगे?
भरना चाहते हो तुम उस परिवार के लोगे का दर्द
क्या वैसे ही उन दरिंदों को नोच पाओगे ?
देना चाहते हो उस परिवार को हर खुशी वापस
क्या तुम उस लड़की को इंसाफ दिला पाओगे?
चलो हम मान लेते है तुमको भी दुःख है उस घटना से
कोई बहन अब ऐसे नहीं जलेगी विश्वास दिला पाओगे?
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मार दो बेटियों को कोख में ही तो अच्छा हो
ओढे वो दुपट्टा उससे पहले उसे कफन ओढा दो तो अच्छा हो
कभी गलती नहीं दिखी जमाने को दरिंदों की
अरे ये तो कहते है बच्ची को साङी पहना दो तो अच्छा हो
बेटी को जरा शाम जो हुई घर आने में तो डर लगने लगता था सबको
और अब वो दिन में भी ना निकले तो अच्छा हो
अरे उसे कैद में ही घुट घुट के जीना है तो
मार दो बेटियों को कोख में ही तो अच्छा हो
जिन्दा रहेंगी तो भी दुनिया उसे तानों से मार डालेंगी
अरे इस दुनिया को कभी दरिंदों की गलती दिखे तो अच्छा हो
*योगिता* सदियों से जलती आ रही है बहनें-निर्भया, असिफा, प्रियंका और मनीषा जैसे
कभी इनको जलाने वाला दरिंदा जो जले तो शायद कुछ अच्छा हो-
पास आओ अपने हाथों से
मेरे हाथों को थाम लो ना
आओ पास बैठो कुछ पल
कोई यादगार शाम दो ना
आँखों से आँखें यूं मिलाओ
मुझे , मुझे ही भूल जाने दो ना
सांसो को सांसो में यूं उलझाओ
आज होश को खो जाने दो ना
मिला कर लब से लब आज
चाहतें हद से गुजर जाने दो ना-
आओ पास जरा मैं भी अपनी नियत बिगाड़ लूं
तेरी बाहों में बिखर कर खुद को तुझसे उधार लूं
मेरी बिखरी जुल्फों को और बिखरा दो आज तुम
जब साथ हो तो तुम्ही बताओ इन्हे कैसे सवार लूं
जी भरकर देखूं तुझे लबों से प्यार दूं,तू इजाजत
तो दे खो कर तुझमें मैं अपनी रात गुजार लूं
बिखरूं सवरूं बस तुझसे ही निखरूं मैं
जाग कर रात सारी बस तेरी नजरें उतार लूं
खो दूं मैं खुदको तुझमें बस इक रात मैं यूं गुजार लूं
जी भर तुझे निहार लूं तेरे प्यार से खुदको सवार लू-
मेरे दर्द को कोई समझ नहीं
पाता हैं अगर खुलकर किसी से
करदो इस बारे में बात तो बेहया
बेशर्मऔर बच्चलन कहा जाता है
बहुत बर्दाश्त किया इस दर्द
को अब सहा नहीं जाता हैं
और माँ ने बताया था कि इसमें
दवाई नहीं खाया जाता हैं
सह लो इसे बस यही कहा जाता
है,दर्द में पड़ी उस लड़की का हाल
तक नहीं पूछा जाता है लग जाये
जरा-सा दाग तो उसे ही डांटा जाता है
क्यों हमारे दर्द कोई समझना ना चाहता है?
क्यों देखक र पीछे :लगा दाग भरी बाजार
मजाक बनाया जाता हैं?ऐसे ही कुछ सवाल
है ,जो दिल को जख्म गहरा दे जाता हैं
-:Yogita❤
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लब बिल्कुल खामोश रखना पड़ता है
चुपचाप ये दर्द सहना पड़ता है
दर्द निचोड़कर रख देता है पेट के निचले
हिस्से को फिर खामोश रहना पड़ता है
कोई पूछे कि क्या हुआ पेट दर्द,कमर
दर्द या बुखार कहना पङता है
भाई पापा के सामने हंसना पङता है
दाग ना लग जाए देखना पङता है
लग जाए दाग तो ये सभ्य समाज बहुत हंसता है
पर फिर बिल्कुल भी खामोश रहना पङता है-
खुदा ने वक्त से वक्त मांग कर आपको बनाया,
आज ही वो शुभ है जब आपने इस संसार में जन्म पाया
आपका आना बेशक इक बार सबके चेहरे पर उदासी लाया
पर आप ही है जिसने सबको खूब हँसाया
नाक पर गुस्सा हर वक्त रहता है हर बात को अपने अपनी
जिद्द से मनवाया शैतानियों से अपनी सबको बहुत सताया
उदास हुई आप भी जब भी गलती से आपने किसी दिल
दुखाया , तभी तो आपकी इतनी प्यारी मुस्कान बनाया
कबूल हो 'योगिता' की भी दुआ इसलिए खुदा से आज मैंने
अरदास लाया,खुदा दूर रखे आपसे दर्द और आंसुओं का साया-
बदलते वक्त के साथ सबकुछ सामने आ रहा है
वक्त सबके असली चेहरे दिखा रहा है
किसके लिए है हम खास और किसके
लिए Timepass अब समझ आ रहा है
पूरी करने को जरूरत अपनी इंसान
जरूरी अपने रिश्तों को खोये जा रहा है
अब तो बस वो मतलब के रिश्ते निभा रहा है
आज अपना भी पराया नज़र आ रहा है
कैसे करे भरोसा किसी पर क्योंकि अपना
काम निकलते ही सब अपना रंग दिखा रहा है
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