कोशिश रोकने की थी,और तू हमेशा के लिए छीन गया। -
कोशिश रोकने की थी,और तू हमेशा के लिए छीन गया।
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अपने जज्बातों के समंदर में तेरी प्यार की कश्ती को हमने सहारा दिया,जरा सा तूफान क्या आया, तूने तो अपना किनारा तह कर लिया। -
अपने जज्बातों के समंदर में तेरी प्यार की कश्ती को हमने सहारा दिया,जरा सा तूफान क्या आया, तूने तो अपना किनारा तह कर लिया।
ज़िंदगी के धागों की उलझनों में कुछ इस तरह फस गई हूं,डर लगता है कि इन्हे सुलझाने पर कोई गाठ ना पड़ जाए। -
ज़िंदगी के धागों की उलझनों में कुछ इस तरह फस गई हूं,डर लगता है कि इन्हे सुलझाने पर कोई गाठ ना पड़ जाए।
बचपन की वो बड़े होने की ख्वाइश,काश सिर्फ ख्वाइश ही बनकर रह जाती तो शायद जिंदगी आसान हो जाती। -
बचपन की वो बड़े होने की ख्वाइश,काश सिर्फ ख्वाइश ही बनकर रह जाती तो शायद जिंदगी आसान हो जाती।
उस दीए की लॉ सा इश्क़ था हमारा,आखिर तक जलता रहा पर उनकी जिंदगी में उजाला कर गया। -
उस दीए की लॉ सा इश्क़ था हमारा,आखिर तक जलता रहा पर उनकी जिंदगी में उजाला कर गया।
आसमां और जमीं की तरह ही है कुछ रिश्ते,दूर से तो साथ नजर आते है पर पास जाकर अहसास होता है की यह हमारी कल्पना ही थी। -
आसमां और जमीं की तरह ही है कुछ रिश्ते,दूर से तो साथ नजर आते है पर पास जाकर अहसास होता है की यह हमारी कल्पना ही थी।
मुरादे की थी तुझे मांगने की,परंतु दुआ किसी और की कबूल हो गई। -
मुरादे की थी तुझे मांगने की,परंतु दुआ किसी और की कबूल हो गई।
सो जाता हैं तू हर बार एक उम्मीद देकर,और मुझे इस इंतजार में नींद नहीं आती। -
सो जाता हैं तू हर बार एक उम्मीद देकर,और मुझे इस इंतजार में नींद नहीं आती।
खुली हुई अलमारी में से झांकते हुए खिलोने अक्सर ये आवाज दिया करते है,तेरे चेहरे की वो सच्ची हसीं, इस ढिखावट से लाख अच्छी हुआ करती थी। -
खुली हुई अलमारी में से झांकते हुए खिलोने अक्सर ये आवाज दिया करते है,तेरे चेहरे की वो सच्ची हसीं, इस ढिखावट से लाख अच्छी हुआ करती थी।
नाजाने क्यू इस सफर में अक्सर ये आम रहता है,तू आखों के सामने है मगर तुझे मिलने का ख्वाब,ख़्वाब रहता है। -
नाजाने क्यू इस सफर में अक्सर ये आम रहता है,तू आखों के सामने है मगर तुझे मिलने का ख्वाब,ख़्वाब रहता है।