जब कहीं कभी तुम्हें अपनी कोशिशों के क़दम कम पड़ते दिखें,
तब अपने माँ-बाप की मज़दूरी और मज़बूरी के चेहरे याद कर लेना,
क्योंकि,
तब तुम ख़ुद अपनी मंज़िलों के दरवाज़े खटखटाने लगोगे।-
उसने पूछा — "मेरे साथ कैसा लगा?"
मैंने मुस्कुराकर कहा...
मुझे तो ऐसा लगा,
जैसे भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी का ठहराव हो तुम,
जैसे ज़लील ज़माने में सुकून हो तुम,
जैसे बेरंग सी ज़िंदगी का रंग हो तुम,
जैसे परायों की दुनिया में मेरे अपने हो तुम।-
अंजाम हमारी मोहब्बत का सिर्फ इतना था ।
वो बेवफा,
में वफादार निकला ।
वो किसी गैर का,
में उस ही का निकला ।
मसला सिर्फ इतना है,
की वो किसिका तो हुआ,
और में खुद अपना ना हुआ ।-
कि हमारे चलते हुए रिश्ते में, उसने मुझे यूं ही भुला दिया ।
सुना है लोगो से
मेरे महबूब ने किसी और के मेहबूब का, यू ही हाथ थाम लिया ।-
जहा प्रेम का त्याग करना पड़ता हैं ।
वहा त्याग से ही प्रेम कर लेना पड़ता हैं ।।-
Nothing to say...
But
Want to talk....
The perfect one-sided love zone...-
जिसने खुद को टूटते हुए देखा होगा ।
और उस टुकड़ों को समेटा होगा ।
समेटते समेटते उस टुकड़ों को जोड़ा होगा ।
जो खुद को खुदकुशी के ख्यालों से बचाता होगा ।
भला उसे क्या ही मौत का खौफ होगा ।
या किसी मंजर से गिरने का डर होगा ।
वो तो ज़िंदगी जीने से डर रहा होगा ।।-
ये तुम्हारा,
इश्क को खेल समझकर मेरे दिल से खेलना ।
जैसे जीते जी मुझे कबर में दफनाने जैसा ।।-
अपना हौसला युही तुम बरक़रार रखना ।
आज तुम पे जो हसे है ।
वो ही सब
कल तुम्हारे लिए तालियां बजाएंगे ।।-
जुबान की मिठास खतम होने लगी है उनकी ।।
लगता है ।
रिश्ता खतम कर ने की सोच रखी है हमसे ।।-