Vritika Kumar  
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Joined 4 January 2023


Joined 4 January 2023
27 MAR AT 2:49

कहने को तो कई शब्द है, ‎‫
मगर बात उसी में है जो दिल को भा जाए,

माना कि विचारों का खेल है,
मगर अनुभूति का अंदाज़ ही कुछ अपना सा हैं,

क्योंकि प्रभाव तो कुछ क्षणों का है,
मगर एहसास जिदंगी भर का है,

चाहने को तो कुछ नहीं है,
मगर करने का हौसला अपने क़दमों से है,

इन आँखों ने जिंदगी के कई नज़ारे देखे है,
मगर नजरिया तो वक्त ही दिखाता है।

-वृतिका

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27 MAR AT 0:30

ऐसा मानना है कि चिंता उसे सताए जो उनका कभी था ही नहीं,

चलो मान लिया जो उनका है कोई उनसे छीना नहीं जा सकता,

पाना या खोना यह तो जिंदगी का खेल है,

जिंदगी ने जो चाहा वो किसमत से हमे मिला
और हमने जो चाहा वो कर्मो से हमने पाया,

जो पा कर भी खुश ना रहे वो उनका कहाँ ?

जो खो कर भी पा लिया भला उसे चिंता कैसी?

-वृतिका

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26 MAR AT 23:27

ज़िंदगी ने जब पूछा कि हम कौन हैं,
हमने हँसते हुए कहा कि हम वही हैं जिसने हमें जाना,

ज़िंदगी ने फिर पूछा कि जिसने तुम्हें जाना तो क्या जाना,
हमने कहा जिसने हमें जाना वह अपने स्वरूप से जाना,

ज़िंदगी ने हँसते हुए कहा जिसका जैसा स्वरूप है वह सामने वाले को वैसा ही समझ लेता है,

इस बार हमने ज़िंदगी से पूछा कि हमारा स्वरूप क्या है,

जिंदगी ने कहा तुम्हारा स्वरूप वही है जो जीने की वजह बना दे,
जीने की वजह जो तुम्हें एहसास दिलाए कि तुम ही ज़िंदगी हो।

-वृतिका

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5 JAN 2023 AT 14:30

🦚🌬𝐹𝑙𝑜𝑤𝑖𝑛𝑔 𝑤𝑖𝑡ℎ 𝑡ℎ𝑒 𝑏𝑟𝑒𝑒𝑧𝑒 𝑜𝑓 𝑜𝑤𝑛 𝑔𝑜𝑜𝑑𝑛𝑒𝑠𝑠,
🌼👣𝐿𝑖𝑓𝑒 𝑡𝑎𝑘𝑒𝑠 𝑚𝑒 𝑤𝑖𝑡ℎ 𝑡ℎ𝑒𝑖𝑟 𝑤𝑜𝑟𝑙𝑑...

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4 JAN 2023 AT 11:30

°•...After praying over small issues, life makes me again more of a virtuous human being...•°

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