हौसला अभी बाकी है,
धुँधली है अगर मंजिल तो क्या?
उड़ान अभी बाकी है|-
किस रास्ते जाना था
चल पड़े बस मुसाफिर बनकर
समय की नज़ाकत समझो
या खुदा का नजराना
जो मिला, बहुत खूब मिला
सुकून मिला, हमसफर मिला
-
सुबह से शाम,
यूहीं दिन निकल जाता है।
दिन छोटे हो या बड़े,
बस यूंही समय निकल जाता है।
आज कब कल बन गया,
जिंदगी का सफर यूहीं निकल जाता है।
-
बारिश का मौसम था,
उस पर वो तेज बिजली।
हम पर गिरी हो मानो,
फूलों की बौछार बनकर।।-
How beautiful were the days,
with you, young and praise.
weekends trips with lockdown rage,
coming home tired and derange.
i really miss that sunshine,
when i think we will be together for lifetime.
all this seperation is hurting me,
you is what all I need.
hope we will again be one,
when this trauma phase be undone.
-
स्त्री का भी योगदान अलग ही होता है,
बासी रोटी खुद, परिवार को ताजी का प्रावधान होता है।-
झूठ ने ली तालीम कहां से?
कि बिन सिखाए सब सीख गया।
कतार में सबसे पीछे था सच,
सब सीखे भी सहम गया।
बलवान था झूठ, सो जीत गया
सच का गला फिर से घूंट गया।
समय आया सच के साथ,
झूठ को सिखाने असली पाठ।
-