थक सा गया हूं, ए ज़िंदगी तुझे निभाते निभाते,
थक सा गया हूं,जो में नही हु,वो दिखाते दिखाते,
हार गया हूं, सबकुछ दाव पे दाव लगाते लगाते,
मेरे अपने ही थके नही मुझे आजमाते आजमाते,
छूट रहा था हाथ से बहोत कुछ,मंज़िले पाते पाते,
सब कुछ पाने की चाह में पीछे छूट गए रिस्ते नाते,
क्या पाया,क्या खोया,दिल मेरा रोया, समजाते समजाते,
चुन एक पल की बेफिकरी,तो रह जाएंगे हसीन लम्हे हस्ते गाते,
जज़्बात भी आज रो पड़े है अपनी दास्ताँ लिखाते लिखाते,
हम खुद ही जीना भूल गए है,औरो को सिखाते सिखाते,- વોરા આનંદબાબુ"અશાંત"
31 MAY 2019 AT 0:52