फ़र्क :- स्त्री और पुरुष
दोस्ती... प्रेम.. रिश्ते... व्यवाहार
सब में फ़र्क नजर आएगा ...
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वंदना
(वंदना ....)
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🙏🙏🙏
Joined 17 April 2021
22 HOURS AGO
25 APR AT 12:02
जिंदगी खुली किताब .....
समझ कर, पढ़ी जाती है
.......और डायरी
पर्सनल समझ कर,
लिखी जाती है...!!-
24 APR AT 16:27
एक लम्हा ........
एक कहानी बन जाती
देखते ही देखते
एक किताब ...बन जाती
हजारों पल में से
वही एक पल .....जिंदगी
......…. बन जाती
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23 APR AT 17:14
हे मेरे दिल ....
चल अब दूर चलते हैं ....
इंसान की बस्तियों से
अपनी ही साऐ से
बहुत दूर चलते हैं
जहां सागर की गहराई हो
फूलों की महक हो
पंछियों की चहचहाहट हो
हे मेरे दिल...
चल ऐसे आशियाना
में चलते हैं
इंसान की बस्ती से
चल कहीं दूर चलते हैं....
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