अब मैं बड़ी हो गई हूं
तो क्या मुझे प्यार नहीं करोगे?
मुझे कुछ जिम्मेदारियां सौंपी गई है
कभी हृदय से लगाकर रोने नहीं दोगे?
हर गलती पर डाटना जरूरी है क्या
कभी समझा कर माफ नहीं करोगे?
तुम रूठ नहीं सकती
अब ये हक भी मुझसे छीन लोगे..
मैं कब इतनी बड़ी हो गई
रेंगते रेंगते खड़ी हो गई..
गुड़िया बेटा का भी नाम हो गया
फिर मुझे कभी गुड़िया बेटा नहीं कहा गया..
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