Vivran Arya  
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Joined 29 October 2023


Joined 29 October 2023
27 MAR AT 22:35

हाथ मेरे खाक तक नहीं
और आखों में ख्वाब बड़े हैं।
कभी खुद से कभी खुदा
हमने पुरी शिद्दत से लड़े हैं।

:-विवरण "ख्वाबीदा"

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27 DEC 2023 AT 19:53

हर कोशिश नाकाम रहा
करेंगे पुरा ख्वाब
फिर से एक नया ख्वाब रहा।।

:- विवरण "ख्वाबीदा "

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12 NOV 2023 AT 4:43

अब इश्क़
खुद से करू या खुदा से
गुमशुदा तो दोनों हैं।

-विवरण "ख्वाबीदा "

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29 OCT 2023 AT 6:29

कीमत मुकर्रर हैं हर ख्वाब का
पाना हैं तो अदा करना होगा

-"विवरण ख्वाबीदा "

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