सख़्त हाथों से भी फिसल जाती है..
कभी नाजुक उंगलियां,,
रिश्ते ‘ज़ोर’ से नहीं,,
‘प्यार मोहब्बत” से पकड़े जाते है “-
Vivek thakur
(विवेक सिंNGH ✍️)
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अल्हड़ मस्त फक़ीर हु मैं ,
संग सत्य चिंगारी लाया हूं
मैं तुम्हे जगाने आया हु
मैं तुम्हे जगाने... read more
संग सत्य चिंगारी लाया हूं
मैं तुम्हे जगाने आया हु
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Joined 26 August 2019
27 MAY 2022 AT 13:37
3 APR 2020 AT 16:16
चले तो थे दोस्तों का पूरा क़ाफ़िला लेकर
कुछ जुदा हो गए और कुछ शादीशुदा हो गए!!-
3 APR 2020 AT 15:03
ना जाने क्यूँ कुछ कमी सी लगती है....
तुम हो.....मैं हूँ....
.लेकिन फिर हम क्यूँ नही है ?-
3 APR 2020 AT 14:23
सोचता हूँ सागर की लहरों को देख कर
क्यूँ ये किनारे से टकरा कर पलट जातें हैं
करते हैं ये सागर से बेवफाई
या फिर सागर से वफ़ा निभातें हैं-
3 APR 2020 AT 13:36
वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है,
उसी के दम से रौनक आपके बंगले में आई है।
इधर एक दिन की आमदनी का औसत है चवन्नी का,
उधर लाखों में गांधी जी के चेलों की कमाई है।
कोई भी सिरफिरा धमका के जब चाहे जिना कर ले,
हमारा मुल्क इस माने में बुधुआ की लुगाई है।
रोटी कितनी महंगी है ये वो औरत बताएगी
जिसने जिस्म गिरवी रख के ये क़ीमत चुकाई है!!-