we became reason of each other's laughter— % &
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Vivek Srivastav
(Vivek Srivastav)
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Truly a familyman. My family is inspiration for my writings.
Joined 28 February 2018
26 JAN 2022 AT 7:17
परतंत्र था यह देश, स्वतंत्र हो गया
शहीदों के खून से, गणतंत्र हो गया
जय हिन्द— % &-
23 JAN 2022 AT 17:45
बचपन में चाह थी कि बड़े हो जाएं
अपने खुद के पैरों पर खड़े हो जाएं
जवानी में चाह ये कि बच्चे हो जाएं
बचपन के ही मानिंद सच्चे हो जाएं-
22 JAN 2022 AT 22:45
मेरे दिल को दिल की बात बताने से
किसने रोका है तुम्हें प्यार जताने से
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22 JAN 2022 AT 19:07
आसमां तू ही बता
मोहब्बत की दास्तां
कैसे जुटा कारवां
कैसे लुटा कारवां-