मन की कब्र
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Vivek Singh Rajput
(विवेक सिंह ✍✍✍)
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मैं अँधेरी रात का चमकता सि... read more
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मैं अँधेरी रात का चमकता सि... read more
Joined 10 July 2018
24 JAN 2022 AT 22:38
बड़ी शिद्दत से,
बुन रहा था,वो दस्ताने।
तैयार होते ही मौसम बदल गया।
@Bas.Likhna.Hai-
20 JAN 2022 AT 0:01
बातें रहती है कई लगे,
अब सबको बताया जाए।
वो असमंजस जो मन में है,
क्यूं ना पूछ, मिटाया जाए।
नहीं कहता वो बातें किसी से,
मैं अब निडर होकर।
तभी,मैं मौन से बातें करता हूं,
बंधु थोड़ा मुखर होकर।-
2 DEC 2021 AT 23:02
दोनो की कहानी बड़ी विचित्र है,
सुना है,स्वार्थ और अहंकार सच्चे मित्र हैं।-