Vivek Singh   (ठाकुर साहब)
53 Followers · 40 Following

मैं तो लिखूँगा साहब, मन से एक लेखक जो हूँ...
Joined 8 April 2018


मैं तो लिखूँगा साहब, मन से एक लेखक जो हूँ...
Joined 8 April 2018
31 JAN 2022 AT 21:17

मैंने ताले से सीखा निभाने का हुनर,
वो टूट गया मगर चाभी नहीं बदली..— % &

-


27 JAN 2022 AT 13:26

तमन्नाओ से खेल रहा है
दिल,
जीत मुमकिन सी नही,
और हार मंजूर नही...!! — % &

-


25 JAN 2022 AT 21:18

दुखों का एक एग्रीमेंट था,
और मैं ठहरा अनपढ़..

मैंने हर पन्ने पर अँगूठे का निशान लगा दिया.. — % &

-


24 JAN 2022 AT 0:56

मैंने प्रेम में कोई पत्र नही लिखा
हां कुछ लेखनी लिखी तुम्हारे लिए
कुछ पलों को जिया है तुम संग
तुम्हारी सांसों के साथ सोया हूं
तुम्हारी सांसों के साथ जगा हूं
वो अद्भुत अहसास था
कभी न खत्म होने वाला
क्यों तुम बदले, ये मुझे नही पता
शायद तुम्हें बेहतर छोड़ बेहतरीन मिल गया 💔

-


22 JAN 2022 AT 22:45

मेरे जैसे व्यक्ति को अगर दर्द नहीं होता है तो बेचैन हो जाता है,
ऐसा लगता है कुछ खो गया है,
ऐसा कैसे हो सकता है कि मैं दर्द में ना रहूँ..
वैसे भी मेरी आदत रही हैं सदैव कड़वाहट चुनने की...सदा दर्द में जीने की... कभी-कभी तो खुद पर हँसी आती है की तू खुश कैसे रह सकता है...!!!

-


22 JAN 2022 AT 17:47

प्यार और भविष्य में से लड़कियाँ हमेशा भविष्य चुनती हैं..
और लड़के प्रेम..💔

-


21 JAN 2022 AT 0:49

सब कुछ भूल जाओगी
नई शुरुआत कर लोगी

यादों के पन्ने नीचे कहीं
वर्तमान के दब जाएंगे

जो हक मेरा था
वो किसी और से पाओगे

अच्छी बुरी बातें मेरी
कभी तो याद करोगे

जो बीते है पल हमारे
साथ साथ उन्हें कभी तो
महसूस करोगे
तब सिहर जाओगे

वादा है,जो मेरे निशान है
उन्हें मिटा नही पाओगे!!

-


12 JAN 2022 AT 17:44

सामने ट्रेन थी - बस मैं ख़ुद को ,

ख़ुद से बिछड़ते देख रहा था ,

-


29 MAR 2021 AT 11:41

तुम्हे मुझे रँगने के लिये रंगों की क्या जरूरत है...
तुम्हे देखते ही मेरा चेहरा यू ही गुलाबी हो जाता है...!😊

-


15 FEB 2021 AT 2:07

आया था "इम्तेहान" में,
सब्जेक्ट "बेवफाई" का,
खुलासा जो तेरा किया,
हम "टॉप" कर गए।

-


Fetching Vivek Singh Quotes