Vivek Sharma   (Author Vivek Sharma)
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Joined 11 December 2016


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15 JUN AT 18:41

“ है ज़रूरी के उड़ जाएँ परिंदें, वक़्त रहते घोंसलों से,
उड़ नहीं पाते वो बच्चे, जो घोंसलों के दरमियाँ रहते हैं “ …

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23 APR AT 9:33


“ आतंकवाद का मज़हब भी है, और मक़सद भी ,
हम हिंदुओं ,काफ़िरों से है, बेपनाह नफ़रत भी ,
कुछ दिन अमन का मुखोटा,फिर वही मारकाट,
ज़िहाद उनके लिए, फ़र्ज़ भी है, फ़ितरत भी “ …

#islamic #Terrorism #TerrorAttack #terrorists #KashmirTerrorAttack

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3 APR AT 9:08

“ It’s Difficult to keep life easy
when we make our thinking patterns difficult,
& not easy “

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14 FEB AT 20:00

“ तुम किसी भी दिन को मोहब्बत का नाम दे दो ,
हम हर दिन को मोहब्बत का बना लेंगें “

#valentinesday #love #relationships #lovestory

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18 JAN AT 20:57

“ जब चीज़ें हाथ में ना हों,
तब चीज़ें हाथ में नहीं लेनी चाहिए “

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14 JAN AT 14:16
















“ ना पंजाब में पेंशन मिली किसी को,
आप के वादे , सारे रहे अधूरे,
भाजपा अब दिल्ली में आए,
सपने होंगें, सबके तब पूरे “…

















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1 JAN AT 9:25







May the New Year 2025 , Bestow its abundant blessings of Joy, Peace,Prosperity, Good Health, Wealth & Happiness to you & your family.



Warm Regards
Vivek Sharma




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31 OCT 2024 AT 14:08





Shubh Deepawali !!

May the illumination of light, always bestowed its powers of Knowledge, Positivity, Good Health , Prosperity, Joy & Happiness to all of us , May this Diwali , again reinforce our resolve the Win of Dharma & Truth , May This Diwali , Entire Humanity, Sees the end of ignorance & we lit the Diyas in Hope of Seeing a Better World Soon !!

Happy Diwali

Vivek Sharma







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6 SEP 2024 AT 21:24





हर बात ठीक हो जाती है, वक़्त के साथ ,
एक से नहीं रहते कभी, कैसे भी हालात !

मुश्किलों के दौर में, तनहाइयाँ क़ाबिज़ होती हैं ,
मज़बूत रखना होता है बस, तब अपना साथ !

दिन के उजाले , जला देते हैं तकलीफ़ों में,
काँटों की तरह चुभती है , हर गुज़रती रात !

तुम जल भी जाओ ,पर लोग अंधेरा ढूँढ लेंगें तुममें ,
दिल का सूखा बुझा नहीं सकती,कभी कोई बरसात !

ना बात शहर की है ये , ना है यह किसी गाँव की ,
इरादों से ही बंदों की , होती है कोई करामात !

नये ज़माने में किताबें,शायरी,ग़ज़लें,सब पुरानी पड़ गई,
और एक बीता हुआ वक़्त , बस रह गया हमारे साथ !!

जानता हूँ है वो मेरे भीतर ही, बाहर कहीं कुछ नहीं ,
भगवान का अनुभव करता हूँ, मैं अपने सत्य के साथ !!

विवेक शर्मा


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5 SEP 2024 AT 10:34




“ भगीरथ बन ज्ञान की गंगा , बहाते जो जीव में ,
शिक्षक चेतन स्वरूप है , मनुष्यता की नींव में ,
भविष्य की उज्जवलता के लिये , करते जो साधना ,
ऐसी असाधारण शक्ति के लिए आदर, रहे हर शीश में “

शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ !
Happy Teachers Day !!


Vivek Sharma

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