साँसे मुकमल हुई है आपकी साहब, बातें आपकी जीने का सलीका सिखाती रहेंगी हमें -
साँसे मुकमल हुई है आपकी साहब, बातें आपकी जीने का सलीका सिखाती रहेंगी हमें
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खुद से और जगत से प्रेम करना, कियूँकि प्रेम ही ऐसा मार्ग है, जहां ऊँच-नीच नहीं है। -
खुद से और जगत से प्रेम करना, कियूँकि प्रेम ही ऐसा मार्ग है, जहां ऊँच-नीच नहीं है।
ज़िंदगी का हर एक लम्हा खूबसूरत सा लगता है जब भी ख़्याल ए दिल मैं दीदार उस रब्ब का होता है -
ज़िंदगी का हर एक लम्हा खूबसूरत सा लगता है जब भी ख़्याल ए दिल मैं दीदार उस रब्ब का होता है
शिकायतें करूँ भी तो किस से करूँ॥ सभी को मुझसे ही शिकायत है। -
शिकायतें करूँ भी तो किस से करूँ॥ सभी को मुझसे ही शिकायत है।
क्या लिखूँ उनके बारे मेंजिन्होंने लिखने के काबिल बनाया है। -
क्या लिखूँ उनके बारे मेंजिन्होंने लिखने के काबिल बनाया है।
पैर में डली चप्पल को ही पता है की कितना बोझ उठाया है, लोग तो बस घूमना जानते है -
पैर में डली चप्पल को ही पता है की कितना बोझ उठाया है, लोग तो बस घूमना जानते है
खुदख़ुशी पर दिल आ गया जिसका सोचो ज़रूर किसी ने बेदर्दी से तोड़ा होगा -
खुदख़ुशी पर दिल आ गया जिसका सोचो ज़रूर किसी ने बेदर्दी से तोड़ा होगा
यूँ नीलाम कर दिया उसने इश्क़ के क़ायदों को॥जब जरूरी हो गया निभाना दोस्ती के वायदों को। -
यूँ नीलाम कर दिया उसने इश्क़ के क़ायदों को॥जब जरूरी हो गया निभाना दोस्ती के वायदों को।
रोज़ तारों को, चाँद की नुमाइश होती है॥ ए - सनम, तुम्हें क्या हर रोज़ किसी नए की आज़माइश होती है। -
रोज़ तारों को, चाँद की नुमाइश होती है॥ ए - सनम, तुम्हें क्या हर रोज़ किसी नए की आज़माइश होती है।
हर बार बोलना भी जरूरी नहीं होताकभी कभी इशारे भी समझने पड़ते है इश्क़ में -
हर बार बोलना भी जरूरी नहीं होताकभी कभी इशारे भी समझने पड़ते है इश्क़ में