एक वक्त मांगा था हमने, उनसे;
वो बेवक्त छोड़कर चल दिए।-
Vivek Sen
(✍🏻 हमसफ़र-ए-ज़िंदगी | ©Vivek Sen)
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About me : Simply Nature & Music Lover
Birthday : 08th Oct.
Profession : Stenographer
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Joined 1 May 2018
23 AUG 2022 AT 23:56
अज़ीब कश्मकश है ज़िंदगी में हमारी;
मोहब्बत के बाज़ार में हम कर बैठे उधारी।
न जाने इस दिल पर कैसी चढ़ी खुमारी;
राह तकते-तकते आंखें थक गई बेचारी।-
30 JUN 2022 AT 0:24
कहीं मीलों दूर चल दिए हम उससे;
पर उसकी याद है कि पीछा ही नहीं छोड़ती।-
9 JUN 2022 AT 0:07
बस तलाश है तो इक ऐसे हमसफ़र कि -
जो हर मोड़ पर कहे, "चिंता क्यूं करते हो, मैं हूं ना!"-
3 MAY 2022 AT 22:38
तेरे पास होने का एहसास ही काफ़ी है ज़िंदगी के लिए;
अब अगर एक न भी हुए तो कोई गिला नहीं।-
13 APR 2022 AT 1:10
ये तुम्हारी सादगी बहुत कुछ कहती है मुझसे;
जब से पढ़ना शुरू किया है, खुद को ही भुला बैठे हैं।-
4 APR 2022 AT 22:25
सुना है कि बहुत अच्छी सिलाई आती है तुम्हें ?
सुनो ! इक पुराना ज़ख़्म सिल दो मेरा।-
23 MAR 2022 AT 20:38
ये सफ़र मानो कभी ख़त्म ही ना हो;
सफ़र सुहाना-सा लगता है, अगर साथ तुम्हारा हो।-