Mother is also god so God gave simple reply. how it is difference between mother and god.
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कविता की शुरूवात
कविताओं का लाइन तो आप से शुरू होता हैं।
जहां से कविताएं शुरू होती है वहां से तो सोच शुरू होती है।
इन कविताओं का अंत तो कर दु।
मगर इस सोच का अंत कैसे करूं
लाइन खत्म नहीं होती की नई सोच शुरू होती हैं।
हर एक सोच में बस तेरी ही जिक्र होती है।
खुदा भी सोचता है कि तेरी फिक्र होती है।
कवि कहता है कोई तो है जो तुझे इन लाइनों में उतारा
वरना लोग आंखें चुरा कर भी तुझे देख लेते है।
कविताएं लिखने का मुझे जुनून तो नही
लेकिन जब तुझे सोचता हूं तब लाइनों में लिखता हूं।
जब भी तुम्हारी याद आती है इन लाइनों में दूड़ता हूं।
जब तुम्हें पाता हूं तब तब एक लाइन बढ़ाता हूं।
ये सिलसिला यू ही चलता रहेगा
जब तक सांस चलती रहेगी।
⭐Vivek Prajapati ✪
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मजदूर की मजबूरी
दर्द तो होता है यूं रोटियों को बिखरा देख कर।
खा भी ना सके ट्रेन की साफ पटरियां देख कर।
नींद तो ऎसी लगी कि सारे दुःख को मिटा कर।
भगवान भी सो गए इनकी हिम्मत देख कर।
मजदूर की मजबूरी को समझो
इनकी जिंदगी को बक्छो
रास्तों पे चलना दूर नहीं
इनकी मंजिल को बक्छॊ
क्या कसूर था इन मासूमों का
दो वक्त की रोटी भी ना नसीब थी
मिलो दूर निकल गए पानी का टोटी भी न था
क्या करें साहेब पसीने की कीमत भी न था
मंजिल तो दूर नहीं थी
रास्ते में रोड़े बहुत थे
हिम्मत तो थी चलने की
मगर पुलिस के डंडे बहुत थे।
⭐Vivek Prajapati ✪
Stay Home Stay Safe
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कविता की लाइन
कविताओं का लाइन तो आप से शुरू होता हैं।
जहां से कविताएं शुरू होती है वहां से तो सोच शुरू होती है।
इन कविताओं का अंत तो कर दु।
मगर इस सोच का अंत कैसे करूं
लाइन खत्म नहीं होती की नई सोच शुरू होती हैं।
हर एक सोच में बस तेरी ही जिक्र होती है।
खुदा भी सोचता है कि तेरी फिक्र होती है।
कोई तो है जो तुझे इन लाइनों में उतारा
वरना लोग आंखें चुरा कर भी तुझे देख लेते है।
कविताएं लिखने का मुझे जुनून तो नही
लेकिन जब तुझे सोचता हूं तब लाइनों में लिखता हूं।
जब भी तुम्हारी याद आती है इन लाइनों में ढूंढता हूं।
जब तुम्हें पाता हूं तब तब एक लाइन बढ़ाता हूं।
ये सिलसिला यू ही चलता रहेगा
जब तक सांस चलती रहेगी।
⭐Vivek Prajapati ✪
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लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है वही आग सीने में फिर जल पड़ी है
कुछ ऐसे ही दिन थे वो जब हम मिले थे चमन में नहीं फूल दिल में खिले थे
वही तो है मौसम मगर रुत नहीं वो
मेरे साथ बरसात भी रो पड़ी है
कोई काश दिल पे ज़रा हाथ रख दे
मेरे दिल के टुकड़ों को एक साथ रख दे मगर ये है ख़्वाबों खयालों की बातें कभी टूट कर चीज़ कोई जुडी है-
मां की ममता
मां का दुलारा मां का सहारा
धरती पर है जन्मा मां का लाडला
कभी मां को रुलाता कभी मां को हंसाता
मां के बचपन का प्यार मुझे है रुलाता।
सवालों का पूछना मां का हंसना
सब याद आता जैसे आज का कोई सपना
मां की लोरी वो दूध की कटोरी
ऐसा लगता है कोई वह एक सपना।
मेरे आंसुओं की कीमत बस मां ही
समझती झट से दौड़ती पल्लू में लपेटती
आंसुओं को पोछती सीने से लगाती
दिल से कहती शांत सी रहती।
घुटनों पे चलना सिखाया
पैरों पर खड़ा होना
हर परिस्थिति से लड़ना सिखाया
कोशिश कर कोशिश कर कह के आगे बढ़ना सिखाए।
⭐Vivek Prajapati ✪
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कुछ अधुरे ख्वाइशे कुछ अधूरे पन्ने
कोरा नहीं छोड़ा करते।
कहते है ना कि जब दिल टूटता है।
दर्द बया नहीं करते।
चुप्पी सी साध जाती है दिल का टूटना
ना जाने कितनी बार टूटेगा
गिना नहीं करते।
समुंदर सा गहरा लहरों सा ये पर्वत
नापा नहीं करते।
क्या पता इसका थाह - पता ही ना हो पता।
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कोरा - कागज
जब तक कोरा है। तब तक कोरा है।
जैसे ही एक सेयाही का बूंद गिरा
बस कागज ही बन के रह जाता है।
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एक सोच एक देश
हमी एक सोच है हमी एक देश है।
लोगो में भर दो इतना उमंग की हमी सोच बदलेंगे
हमीं सोच बदलेंगे हमी देश बदलेंगे।
दुनिया को करो इतना बुलंद की हमी देश बदलेंगे....२
मिट्टी में जन्मे है। मिट्टी में मिल जाएंगे
ना बाटों इंसान को हमी हिंदुस्तान बनाएंगे.....२
धरती बाटी, सागर बाटा, मत बाटो भगवान को
लोगो में भर दो इतना प्रेम की हमी एक है।
हमी एक देश है हमी सोच बदलेंगे हमी देश बदलेंगे...२
⭐ Vivek Prajapati ✪
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इधर मेरे सीने में खंजर धसेगा।
उधर तेरे आंखो से समंदर बहेगा।
ज़ालिम है ये दुनिया
कहीं दो दिलो की दुश्मन है दुनिया।-