2 AUG 2021 AT 21:54

इक बार एक मुकम्मल ,मुलाकात हो ।
एक बार खुद की खुद से, बात हो ।।

बहुत सहा दर्द तेरे ऐ जिंदगी , अब रोना है मुझे ।
है इंतजार अबके सावन ,बरसात हो।।

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