तेरी यादों के सहारे ,
हम जी लेंगे ।
तेरे ग़म का एक हिस्सा ,
हम भी होंगे ।।
जिक्र होगा किसी महफिल में ,
जब भी तुम्हारा ।
तेरे नाम पर एक ज़ाम ,
हम पी लेंगे ।।-
घर से दूर , किसी बड़े से शहर में ।
छोटी सी नौकरी और किराए के घर में ।।
कंधो पर जिम्मेदारियां और आंखों में सपने ।
सपने पूरे करने में पीछे छूट गए अपने ।।
आंखों में सपने लिए दिन रात क्या सोचते हो ।
खुल के जीने से खुद को क्यों रोकते हो ।।
बदलेगा ये मंज़र भी पूरे होंगे हर सपने ।
इसी शहर में साथ रहेंगे हम सब घर में अपने ।।-
शर्द मौसम , गर्म चाय।
दोस्त पुराने, पुरानी यादें ।।
चेहरे पर मुस्कान, बचकानी बातें।
आने वाले कल को, बीते कल की मीठी यादें।।
,-
जिन जिन लोगों ने
कल हिंदी दिवस मनाया था ,
उनको
"अभियांत्रिक दिवस" की शुभकामनाएं
To remaining others
"HAPPY ENGINEERS DAY"
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इक बार एक मुकम्मल ,मुलाकात हो ।
एक बार खुद की खुद से, बात हो ।।
बहुत सहा दर्द तेरे ऐ जिंदगी , अब रोना है मुझे ।
है इंतजार अबके सावन ,बरसात हो।।-
उनकी यादों के शहर में ,
कहीं खोया हूं मैं ।
कई रातें यूहीं बीत गई ,
नहीं सोया हूं मैं ।।
अगर पूछना हो हाल मेरा ,
तो मेरे तकिये से पूछना ।
वो ही जानता है उनके लिए
कितना रोया हूं मैं ।।-
सुविधाए लाखो होंगी ,
शहरों में तेरे ।
पर शुकून मुझे आज भी ,
मेरे गाँव में ही मिलता है ।।-