परिंदे बड़ी मुश्किल से
अपने बसेरे में रहते हैं
दिन हो या रात
सवालों के घेरें में रहते हैं ,
रोशनी छटते ही
जिनके पैर डगमगाने लगते थे
वो शख़्स बड़े शौक से
अब अंधेरे में रहते हैं
एक उम्र गुज़ार दी जिन्होंने
लोगों के बीच रहकर
वो अब अपनी ही
परछाइयों के घेरे में रहते हैं
अब नहीं हसरतें उनको
दुनियाँ देखने की विवेक
जो दिन-रात अपने
सपनों के भंवर के फेरे में रहते हैं ।
✍ विवेक पटेल [ Experience Of Life ]-
आज जीना ख़ुद एक ख्वाहिश सा लगता है...🙏🌹✍🌹✍🌹
🌹�... read more
गड़ी रहेगी वही पुरानी कील दीवार में,
कल फ़िर एक कलेंडर उतार दिया जायेगा।
✍विवेक पटेल [ Experience Of Life ]
👉 विदा 2024
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इतने दिन हो गए
वो शज़र वीरान है अभी तक,
कोई बैठा ही नहीं छाँव में
ये सोचकर मैं हैरान हूँ अभी तक,
इतनी आसानी से लोग बिछड़ते हैं
हमें मालूम न था,
रह-रहकर करती है ये बात
मुझको परेशान अभी तक।
✍ विवेक पटेल [ Experience Of Life]
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गुरुर-ए-अदावत से ख़ुद को अखबार कर दिया
तुमने घर के ही मसलों को बाज़ार कर दिया,
कहाँ जाओगे जब होगी तुम्हारे नदामत की शाम,
तुमने तो अपनों को ही ख़ुद से बेज़ार कर दिया।
✍ विवेक पटेल [ Experience Of Life ]
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कोई मंज़िल तक पहुँचता है
तो कोई बीच सफ़र में छट जाता है,
कोई शौक-ए-शुख़न से चलता है
तो कोई पहियों बीच कट जाता है,
ये सारी उम्र मेरी आँखों ने
यही देखा है विवेक,
कोई लुटाते-लुटाते थकता है
तो कोई खाली जेब लुट जाता है।
✍ विवेक पटेल [ Experience Of Life ]
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छोटी-मोटी पाबंदिया बहुत ज़रूरी है विवेक,
वर्ना आवारगी लोगों को असभ्य और अश्लील बना देती है ।
✍विवेक पटेल [ Experience Of Life ]
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हवाओं के बहकने का डर हमेशा बना रहता है
खुले में हो चिराग़ तो बुझने का डर हमेशा बना रहता है,
बहुत मुश्किल होता है किसी अंजान रास्ते पर चलना
उस पर गुम हो जाने डर हमेशा बना रहता है ।
✍विवेक पटेल [ Experience Of Life ]
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हमारे बाद हमारे किस्से
कौन तुम्हें सुनायेगा ,
फूल झड़ जायेंगे पत्ते सूख जायेंगे
डाल टूट जायेगी पेड़ कट जायेंगे ।
✍ विवेक पटेल [ Experience Of Life]
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इन कंधों पर जिंदगी का भार तुम भी ढोते होगे
इस दुनियाँ की भीड़ में ख़ुद को तुम भी खोते होगे,
ये जो हँसने और मुस्कुराने का संदेश देते फिरते हो सबको
सच-सच बताना यार एकांत में बैठकर तुम भी रोते होगे ।
✍ विवेक पटेल [Experience Of Life ]
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