The problem with loving humans is that they evolve with time
-
Vivek Nagar
(क्रिसुर)
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यू तो हम लिखने का शौक नहीं रखते
पर ये कमबख्त कलम है की अपने आसूं ही नहीं रोक पाती
पर ये कमबख्त कलम है की अपने आसूं ही नहीं रोक पाती
Joined 22 April 2018
28 JAN 2020 AT 17:44
क्यों चाहत है ?
क्यों चाहत है किसी को चाहने की
क्यों खुद के लिए ऐसी चाहत कभी आई नही
क्यों चाहत है दिल लगाने की
क्यों किसी ने हमारे लिए ज़ुल्फ़ें सजाई नहीं
क्यों चाहत हैं की पढ़ लू किसी को
क्यों किसी को हमारी आंखे भाई नही
क्यों चाहत है की हसू किसी के साथ
क्यों हमारे जीवन की बुझी बाती किसी ने जलाई नही
क्यों चाहत है की जादू जैसा हो सब कुछ
क्यों "मेरी वाली अलग है" कहलाने वाली आई नही
क्यों चाहत है की चाहत हो मुझे
क्यों खुद मैं खुश रहने की किताब मुझे किसी ने पढ़ाई नही !-
19 DEC 2019 AT 21:40
वो रूप रंग जात-पात क्या देखते हो
कि इंसान है, क्या इत्ता काफ़ी नहीं !-