मेरी आँखों पर छाया तेरा पहरा बहुत खूब होगा, मौत! मुझे लगता है तेरा चेहरा बहुत खूब होगा। यूँ ही नहीं छोड़ देते हैं तन्हा लोग जिंदगी को, तेरा सबकी रूहों से, रिश्ता गहरा खूब होगा।।
कई रातें न तो सोया है सही से, कई रातें नामुकम्मल जगा भी तो है। दिल है कि कहीं लगता ही नहीं है , दिल है कि तुमसे लगा भी तो है।
ये आँसू, ये मुस्कान, ये मोहब्बत मेरी जान! अगर थोड़ी सी बद्दुआ है, तो थोड़ा सजदा भी तो है। दिल है कि कहीं लगता ही नहीं है, दिल है कि तुमसे लगा भी तो है।
कभी रूठना, कभी मनाना, एक-दूसरे पर हक जताना। ऐतबार है कभी-कभी, तो कभी शिकवा भी तो है। दिल है कि कहीं लगता ही नहीं है, दिल है कि तुमसे लगा भी तो है।।