महाराजाधिराज्ञा शिवाजीमहाराज्ञा अवतरणदिवसस्य हार्दा: शुभकामना:।🙏🌷🌺🚩🚩
ततो दु:शासनत्रस्तां याज्ञसेनीमिव प्रजाम्।
संसान्त्वयितुमारेभे शिवो भीमपराक्रमः॥
जिस प्रकार से भीम ने दुशासन द्वारा द्रौपदी के अपमान का बदला लिया। उसी प्रकार शिवाजी महाराज ने बहादुरी और बुद्धिमत्ता से लोगों के संकट को परास्त किया।
The way Bhima avenged
Draupadi's humiliation by Dusshasan.
Same way, Shivaji Maharaj valiantly
vanquished the distress among people.-
समस्त सृष्टि का आधार स्तम्भ ही प्रेम है ।
किञ्चित् प्रभाव नहीं पड़ता
शावक सिंह के संरक्षण में
है अथवा नहीं हैं.....
उसे गर्जना सीखनी नहीं
होगी,
जब समय होगा और
स्वतः अन्तस में उठेगी गूँज
जो तरंगायित कर देगी
उस अबोध शावक के
शरीर और मन दोनों को.....
और गहन अरण्य में
गूंजेगी एक दहाड़ नई सी
'सिंहत्व' की.....
तब तक धैर्य की परीक्षा तो
सभी को देनी है....।@Advaita ✍️-
राष्ट्र प्रेम में अर्पण स्वयं का सर्वस्व करेंगे।
जीवन में कर्मयोग को सतत ही सुफल करेंगे।
बनकर अर्जुन का गांडीव हम कृष्ण का सुदर्शन बनेंगे।
शूल बनकर हम अरि के मस्तक को छलनी करेंगे।
भारती के बनकर रक्षक राष्ट्र को स्वजीवन अर्पण करेंगे।
कर्तव्य पथ पर बन 'अद्वैत' इस बलिदान को
"वीर दिवस" घोषित करेंगे।-
कि जो हो रहा है वह उचित ही है।
क्योंकि कुछ जन इसी स्वभाव के होते हैं,
जो सागर की तरह होते हैं,
जो दो अलग-अलग दिशाओं में बहने वाली नदियों को बिना किसी भेद भाव के एक दूसरे से मिलने का मौका देते हैं।-
कितना भी साथ दे दें
तेज धाराओं का कोई....
साहिलों के आंचल में तो
बस पत्थर ही चले आते हैं..,..@-
पहले होती थी बातें ढेर सारी
अब तो " कैसे हो " से शुरू होकर
" ठीक हूँ " पर खत्म हो जाती है..-
हृदय से जो दिया जा सकता है वो हाथ से नहीं,
और.....
मौन से जो कहा जा सकता है वो शब्द से नहीं....!!-
किसी और आईने की दरकार नही मुझको,
माँ की आँखे मुझे हमेशा सुन्दर बताती हैं....!!-
मुस्कुरा कर छुपा लेतें हैं गम अपना
और लोग हम जैसा बनने की दुआ करते हैं,,।-
आदत न डालो मुझे पढ़ने की...
या तो ऊब जाओगे या फिर डूब जाओगे...!!!-