मैंने खामखा उनको अपने दिल के इतने करीब माना,
जिन्हे फलक पर बिठा रखा है,
वो तो जमींन के भी काबिल नही।।।-
अपने हिस्से की खुशी खुद मैंने ही उसके नाम कर दी,
अब सिर्फ गम बचा जब जिंदगी में तो भला तक़दीर का इसमे क्या दोष।।।-
दुनिया-जहान की नज़रों से तो हम बचा लेंगे तुम्हे, काला टीका लगा कर,
तुम्हारी खुदकी नज़र से तुम केसे बचोगे।।।-
ये चांद सितारे अपनी जगह,
ये धरती अस्मान अपनी जगह,
ये मौसम, ये वादियां और ये खूबसूरत समा,
तुम्हारे कदमो में में,
और तुम!
तुम मेरा पूरा जहान।-
आपके बारे सोचते ये सारी रात गुज़र जाएगी,
ये रात गुज़रेगी बाद में, उस पहले आपकी यादें हमें बड़ा सताएगी,
अब बेफिज़ूल के ख्यालो में उलझने का क्या ही फायदा मोहतरमा,
क्योकि ऐसा है के आपसे बातें किये बगाएर कम्बख्त ये नींद भी कहा आएगी।।।-
तुम नहीं हो किस्मत में तो फिर क्यों इल्जाम किस्मत पर डालूं,
कोशिश अगर दो तरफा हो, तो किस्मत भी सजदे में झुक ही जाती है!!!-
तुम हो गए किसी और के आखिर केसे मान लू में ये सच,
ख़ैर, कसमें-वादे, विश्वास और दिल टूटने के लिए ही तो बनते हैं!!!-
काश के इन ख्वाबो पर भी कोई दाईरा लगा सकते,
जो असल जिंदगी में साथ नहीं उनका ख्वाबों में फिर क्या काम!!!-
केसे छुपा लेता है पिता अपने आंसू बेटी के बिदाई पर,
कलेजे के टुकड़े को जुदा होता देख तो उसका दिल भी रो परा होगा।।।-
तुम चले जाओगे हमारी जिंदगी से
इससे बढ़कर खुशी की बात क्या होगी!
सोचते अगर हम ऐसा किसी रोज
तो ये जिंदगी आज बेहाल न होती ।।।-