Vishwaprakash Roy   (Vishwaprakash Roy)
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Joined 11 April 2018


Joined 11 April 2018
10 JUN 2024 AT 23:09

Taking proper education is directly proportional the richness in the quality of life......

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10 JUN 2024 AT 22:55

कलियुग में कुछ लोग इंसानी शरीर के लिबास में जानवर होते है जिनको अहंकार के चलते अच्छे और बुरे परिणामों की चिंता ही नहीं होती
उन्हें तो बस अपना गुस्सा और अहंकार शांत करना होता है लेकिन उससे उपजी तकलीफों को किसी दूसरे को भोगना पड़ता है......
सही है अथवा गलत?

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4 MAR 2024 AT 11:29

Every life on the earth must be respected and protected......

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21 JAN 2024 AT 0:21

हर कीमती चीजें धरती की गहराई में दबी होती है जैसे हीरा सोना आदि इसे खोजना बड़ा ही मुश्किल होता है और हर मनुष्य इसे पहचान भी नहीं सकता...
मतलब हर कीमती चीज लोगों की नजरों से दूर होती है
और यदि आप भी चाहते हैं कि आप भी लोगों के लिए कीमती रहें तो बस अपना काम करते रहें और किसी के लिए आसानी से उपलब्ध ना हों तो अपने आप आपकी कीमत में बढ़ोत्तरी हो जायेगी।

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21 JAN 2024 AT 0:08

यदि आप किसी से भी खुद होकर बार-बार बात कर रहें है और उनके लिए जब चाहे आप उपलब्ध हैं तो लोग आपकी बार-बार बेइज्जती करेंगे या आपको अहमियत नहीं देंगे,
इस वजह से आपका दिमाग विषाक्त हो जाएगा इसलिये किसी के लिए भी आप आसानी से उपलब्ध ना रहें।

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27 NOV 2023 AT 7:26

भारत सरकार को किसी भी प्राइवेट क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह को उनके मालिकों से सरकारी खाते में जमा करवा कर स्वयं वितरित करना चाहिए इसके दो प्रभाव पड़ेगें...
पहला सभी कर्मचारियों को तनख्वाह जितनी मिलनी चाहिए नियमानुसार उतनी ही मिलेगी और...
दूसरा कोई भी हो मालिक या कर्मचारी किसी भी टैक्स की चोरी नहीं कर पाएगा...

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25 NOV 2023 AT 20:02

"मुझे किसी को हराना नहीं और न ही किसी को दिखाना है बस अपने काम को अच्छे से करना है"

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11 NOV 2023 AT 10:26

कुछ लोग अपने मोबाइल फोन पर कॉल नहीं आने पर भी अपने मोबाइल फोन पर ऐसे बात करते हैं जैसे सही में कॉल आया हो और सामने वाले को समझ ना आ रहा हो......
लेकिन ऐसे लोगों को यह भी तो समझना चाहिए कि सिर्फ वे ही होशियार नहीं हैं सामने वाले का "अनुभव" भी तो कुछ मायने रखता होगा??????

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11 NOV 2023 AT 9:59

"स्वार्थी समाज"
बड़ी अजीब सी विडंबना है......
इस समाज में लोग जब जीवित रहते है तो उसे खाने को नहीं पूछते, सम्मान नहीं देते और उसकी हर बुराइयों पर तंज कसते हैं और जब उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो अचानक से उसकी सारी अच्छाइयां सभी को नजर आने लगती हैं और उसे हर वर्ष पितृपक्ष के समय सम्मान पूर्वक बुलाया भी जाता है खाना खाने के लिए......

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5 NOV 2023 AT 17:24

मैं जानता हूं ऐ जिंदगी कि, मैं तेरे लिए महत्त्वपूर्ण नहीं हूं......

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