5 JUL 2019 AT 11:24

एक बार तो बात कर लो सब्र का इम्तहान कभी फुरसत में ले लेना,
तुम से बात होना मेरे लिए तो बिना सावन के हरियाली आना जैसे हैं!
बिना तुम से बात किए बे मौसम बरसात जैसी है , जिसमें सिर्फ मेरी पलकें भींगती हैं!

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