ज़िंदगी के ताने बाने हम खुद बुनलेते हैं
सुख या दुःख हमे कोई देता नहीं
हम खुद चुनलेते हैं।।
पिता ने सब कुछ बाटा था बच्चों को बराबर बराबर।
और देखो
कोई खुश था कंकड़ के बीच हीरे देख कर।
कोई रोता रहा कि हीरों के बीच कंकड़ रखें हैं।
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5th September is my day🥳
हमारे समय का ईश्क
उस शाम के इंतज़ार में दिन नही गुजरता था,
और उसके आते ही शाम गुज़र जाती थी।।
एक तो वो बेचारी बड़ी मुश्किल से आती थी,
फिर या तो उसकी या हमारी मम्मी जल्दी घर बुलाती थी।।
अब तो हमें कई जोड़े दिख जाते हैं खड़े यहां वहां इधर उधर,
जब हम उसे लेके जाते थे तो हमें जगाह ही नहीं मिल पाती थी।।
बड़ा मुश्किल था ईश्क हमारे समय का
हम ईश्क में भी होते थे और हमें नींद भी बहुत आती थी।।
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वो ईश्क था या नादानी?
अब जिसका अंजाम याद आता है।
ये ढलती शाम, हाथों में जाम
और
उस फरेबी का नाम याद है।।
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न खुद के रहे
न किसी और के हुऐ,
एक हसीन लुटेरे ने हमें कहीं का न छोड़ा।
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ज़िंदगी में कुछ ही ऐसे दोस्त होते हैं जो हमारी अच्छाइयों को जानते हैं,
और एक जिगरी यार भी होता है जो हमारी बुराईयों को भी जानता है।
फिर वो कमीना
उन्हें भी सब कुछ बता देता है
😒
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मौसम की पहली बारिश में वो कहानी याद आती है,
जो गुज़र गए हैं लम्हे उनकी निशानी याद आती है।
कभी कागज़ की कस्ती में बहता वो बचपन याद आता है,
कभी प्रियतम के संग भीगी जवानी
याद आती है।।-
एक ये वक्त है, के धूप बर्दास्त नहीं होती..
एक वो वक्त था जब गर्मियों का इंतज़ार करते थे।
एक ये वक्त है, के बारिश हमें तंग करती है
एक वो वक्त था जब कागज़ की कस्ती तैयार करते थे
एक ये वक्त है, के वक्त रहता नहीं बाकी
एक वो वक्त था, जब इस वक्त का इंतजार करते थे
एक ये वक्त है, कि वो वक्त याद आता है
सयानो की नज़रों में जिन्हे हम बेकार करते थे
और
एक ये वक्त है, के ड्रीम टीम बनाके भी बेचैन रहते हैं
एक वो वक्त था, जब बस अपनी बारी का इंतज़ार करते थे।-
तमन्ना है कि
तेरा नाम लिखवालू अपने सीने पे..😌
मगर
डरता हूं की
फिर
बीवी से छिपाऊंगा कैसे🤔?
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तू चला गया है, मगर ठहरा हुआ है
मेरे हाथों में तेरा हाथ अब नहीं है मगर
इन हाथों में वो निशान अब भी ठहरा हुआ है
तू चला गया है, मगर ठहरा हुआ है
तेरी यादों का इस दिल में कहीं पहरा हुआ है
तेरे संग गुज़रा हुआ हर लम्हा
वहीं ठहरा हुआ है
तू चला गया है, मगर ठहरा हुआ है
मैं भी बहुत दूर आगया हूं ये जनता हूं मगर
कुछ तो है जो अब भी वही ठहरा हुआ है
तू चला गया है, मगर ठहरा हुआ है-
कभी हमको गीत सुनाता था
अब चंदा को लोरी सुनाएगा।
एक और सितारा गया ज़मी से
अब फलक की शान बढ़ाएगा।।
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