Vishva Prakash Mehra   (सत्यार्थ वाणी)
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Joined 26 April 2018


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Joined 26 April 2018
3 AUG AT 21:46

दोस्ती वो एहसास है जो दिल से जुड़ता है,
बिना कहे हर बात को समझने का हुनर रखता है।

न रिश्तों की ज़ंजीर होती है, न कोई मजबूरी,
फिर भी दोस्ती निभती है सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदारी से पूरी।
A
मुसीबत में साथ चलना, बिना कहे थाम लेना हाथ,
सच में, दोस्ती है तो हर दिन लगती है जैसे सौगात।

ना कोई मतलब, ना ही स्वार्थ की बात,
दोस्ती देती है हर दर्द का साथ और हर ख़ुशी का साथ।

वक़्त चाहे जैसा भी हो, अगर सच्चा दोस्त साथ है,
तो ज़िन्दगी का हर रास्ता आसान और ख़ास है।

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6 JUL AT 7:40

साजिशे तो खूब की दुश्मनों ने मेरे मुझे गिराने की
पर खुदा ने भी कसम खा रखी थी साथ निभाने की

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1 JUL AT 11:00

कुछ लोगों ने मुझमे इतनी कमियां निकाल दी हैँ 🙄
कि अब केवल खूबियां ही खूबियां रह गईं हैँ 😂😂

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29 JUN AT 23:06

कभी मंजिल मुझसे दूर
कभी मैं मंजिल से दूर था
मुख़ालते मे रहा ताउम्र मैं
बस यही मेरा कसूर था

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25 JUN AT 22:34

गुमसुम माँ का घर अब बना बस मकान
चेहरे पर झुर्रियाँ, आँखों में उसकी थकान।
जिसने बेटे को पाला और आगे बढ़ाया, सब कुछ जिसके लिए आज तक लुटाया,।
आज बहू ने उसे अपनी जागीर बताया।

माँ ने सोचा बहू आई बहार सी,
सोचा था होगी वो बेटी समान सी।
पर धीरे-धीरे जो बनाए थे रिश्ते
वो टूटते गए जैसे पतझड़ के पत्ते।

न कोई बात करती, न देखती आँख से,
माँ की बातों में ढूंढे गुनाह हर साँस में।
दो रोटी देने मे भी बनाती बहाने ढेर
खुद को दोहराएगा अजब वक़्त का फेर

माँ बोली — "बेटा, ये क्या हो रहा है?"
बेटा बोला — "माँ, तुम ही तो बहू को नहीं समझ पाती। "बेटा जो कभी आंच ना आने दूंगा "ये कहता था
अब चुप रहकर अब माँ की चीख़ को सहता था।
बहू ने कहा — "तुम्हारा समय गया,
अब घर मेरा है,।
अरसे से तूने इसको घेरा है
माँ क्या दे पति अपनी ममता का सबूत
उसने धरती से पूछा — "दुनिया मे क्या खत्म हो गए सपूत?"

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19 JUN AT 9:13


"जहाँ अहम बड़े हो जाते हैं, वहाँ रिश्ते छोटे हो जाते हैं।"

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18 JUN AT 5:59

यादें भी अब तन्हाई में अक्सर साथ निभाती हैं,
देकर हौसला जीने का कभी जरिया बन जाती हैँ
गुजरे लम्हों की दस्तक तवस्सुम देकर लबों पर
जहन को वक़्त बेवक़्त यूँ ही बस गुदगुदाती है

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16 JUN AT 9:26

ज़ुबान का पक्का और ईमान का सच्चा इंसान जीवन की हर मुश्किल को पार कर सकता है और जो इंसान अपनी ज़ुबान और ईमान का पक्का नहीं होता वो कभी सुखी नहीं रहता

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16 JUN AT 9:20

लालच के बाजार में बिकते नहीं रिश्ते,
प्यार विश्वास से ये केवल निभाए जाते हैँ
नियत साफ हो अगर सफल हो जीवन
करम इंसान के ऊपर लिखाए जाते हैं

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16 JUN AT 6:41

10. "रिश्तों को माया से तौलोगे तो भावनाएं खो दोगे।"

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