सुनो बेटियों भारत की ना खुद को तुम सुकुमार दिखाना,
समूल करो संहार दुष्ट को दुर्गा का अवतार दिखाना।
ये देश है ऐसे लोगों का जहाँ पत्थर तो पूजा जाता है,
महफ़ूज नहीं है बेटी उसका जिश्म निचोड़ा जाता है।
मैला है आँचल समाज का बर्बरता चहुँओर भरी है,
करो कुदृष्टि का सर्वनाश अब तुमको है बर्चस्व दिखाना।
ओछी नियत के लोग यहाँ है तुम पर ही लाँछन आएँगे,
मुज़रिम होगा आजाद तुम्हारे कपड़े नापे जाएंगे।
अंधा है कानून यहाँ का केस न करना थाने में
दुर्जन पे डर इतना भर दो, कांपे हाथ लगाने में।
ना इनकी कोई पेसी हो ना इनको कारावास मिले,
अंगभंग कर दो इनको तांडव का हाहाकार दिखाना।- विshnu
5 DEC 2019 AT 18:31