सुनो ना....
तुम भी तो मोहब्बत को मौसम की तरह निभाती हो,
कभी बरसती हो बेपनाह..
और कभी बूँद-बूँद को तरसाती हो।
❤️
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Vishnu Keshri
(Vishŋʋ की कलम से ✒)
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मैं लेखक नहीं हूँ ,लेखक बनने को प्रयासरत हूँ
मेरी पंक्तियाँ ही मेरी पहचान है
आप हमे फॉलो कर... read more
मेरी पंक्तियाँ ही मेरी पहचान है
आप हमे फॉलो कर... read more
Joined 18 May 2018
24 JUN 2022 AT 20:20
8 FEB 2022 AT 17:46
सुनो ना....
मुझे अपनी सच्चाई साबित करनी पड़ रही हैं तेरे सामने..
अब भी तुम अपने हो क्या ??
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3 FEB 2022 AT 15:16
सुनो ना....
सिलसिला आज भी वो जारी है.....
तेरा हर ख्याल, मेरी हर शाम पे भारी है
❤— % &-
29 JUN 2021 AT 20:47
सुनो ना...
जिसकी कहानी सुनकर कभी रोया हैं तुमने
जरा सोचो उस किरदार में क्या गुजरी होगी।
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25 JUN 2021 AT 20:44
जिन्होंने इंकार किया है मुझे, मेरा समय देखकर
वादा हैं मेरा ,अब समय नहीं पूरा दौर लेके आऊँगा
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25 JUN 2021 AT 20:40
जिंदगी को देखा है मैंने इतने क़रीब से
जैसे किसी ने रोटी छीनी हो एक गरीब से
कम उम्र का तजुर्बा तुम्हे क्या बताये ग़ालिब
ख्वाब बनने से पहले टूट चुके हैं मेरे अजीब से
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24 JUN 2021 AT 21:59
मुठ्ठी भर वैभव को पाकर ,जो भी मद में फूल रहे |
पेड़ो को तजकर जो पत्ते ,आसमान में झूल रहे ||
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