तर्ज:-हो जाओ तयार खाटू जाने के लिए
आया हु दरबार बिगड़ी बनाने के लिए,
रूठी सोयी किस्मत को जगाने के लिए।
आया हु में आया हु में आसा लेके आया हु,
आया हु दरबार बिगड़ी बनाने के लिए,
रूठी सोयी किस्मत को जगाने के लिए।
खाटू में देखा हमने बैठा मोर्वी लाला,
कान्हा से आशिर्वाद पाकर बनगया ये खाटुवाला,
आया हु दरबार बात बताने के लिए,
रूठी सोयी किस्मत को जगाने के लिए।
पैदल पेट पतालिया आते बात उन की नोखी हे,
जोर जोर से जयकार लगाते देख तेरी ज्योति ये,
करते ये दीदार अखंड सुखः पाने के लिए,
रूठी सोयी किस्मत को जगाने के लिए।
श्याम बहादुर राह दिखाये नाम तुम्हारा पाया है,
आलू सिंह ने सेवा करके घर घर तुम्हे पुजाया है,
गाते भजन प्रवाहक तुम्हे रिझाने के लिए,
रूठी सोयी किस्मत को जगाने के लिए।
भजनो को सुन कर के तेरे खाटू भीड़ आती है,
देर रात कीर्तन में बैठ मिलकर तूझे रिझाती हे,
"विष्णु"करे बखान कृपा तेरी पाने के लिए,
रूठी सोयी किस्मत को जगाने के लिए|
-Vishnu Agarwal
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