तुझे फ़ुर्सत से बख्शा है हुनर उसने
वगरना ख़ूबसूरत तो हजारों हैं-
Trying high to rise
And if you relate with my quotes than you are livin... read more
तुझे मालूम ही क्या है हमे क्या क्या रुलाता है
कभी ये दिल रुलाता है कभी शीशा रुलाता है
तुझे क्या गम नही होता है मेरे हार जाने पर
मुझे इस बात पे तेरा नही कहना रुलाता है
बहुत मायूस करती है मुझे हर रोज तन्हाई
सबा के पर्दे छूते ही जला कमरा रुलाता है
हसीं मंजर भी दीवारों में जलकर खाक होता है
तेरे लहजे से ज्यादा अब तेरा बोसा रुलाता है
जरा आदत बना बैठे है हम हर बात पे रोना
वागरना पत्थरों को कौनसा झटका रुलाता है
- Vishu ❤️-
आईने से जब हटाई धूल तो चेहरा साफ नजर आने लगा,
वरना लग रहा था खड़ा है एक अजीब सा शख्स सामने !-
रोने के बाद अशको के बने दाग को मिटाना होता है,
उसके खतो को पढ़ने के बाद फिर जलाना होता है,
और जब पूछे कोई हाल दूर से तो हाल नही सुनाते,
छिपाकर सब बस ठीक हूं कहकर मुस्कुराना होता है!-
क्यों तेरा ये दर्द मुझे अब भी खाए जा रहा है,
तू इतना दूर होके कैसे ये रिश्ता निभा रहा है,
और मैं ठीक हूं तेरे बगैर भी ये सच ही तो है,
बस ये आंखें खराब है इनसे पानी आ रहा है!-
नामुनकिन है अब तेरा किसीका हो जाना,
बची है अब तेरे हिस्से में तनहाइयां फकत!-
दिल लगाया था सुनो यार मैंने उससे कुछ इस तरह से,
के फिर चाहकर भी ना गया उसका ये नाम जुबान से,
और लगता है आज तो वो भी मुझको याद कर रहा है,
देखो ना आरही है मुझको हिचकियां बेहिसाब सुबह से।-
जितना हो सकते थे यार हम उससे ज्यादा जुदा हो चुके है,
और इससे ज्यादा भी अब हम क्या भुलाए तुमको,
अरे लोग रखते है संभाल कर जिसे प्यार से बड़े,
हम तो तुम्हारी दी वो आखरी निशानी भी कबकि खो चुके है !-