Vishav दीपक Bhateja   (Vasu✍️)
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Joined 3 February 2019


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Joined 3 February 2019
30 JAN 2022 AT 17:16

Me alon with a dark night
With a bright moon
And twinkling stars,
To feel calm,
To feel and understand
Myself😌🙇

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8 MAY 2020 AT 22:35

Bus Mere Marne ka Intzar H Unhe
Fir Aag Laga Kar Chale Jayenge

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10 DEC 2021 AT 8:16

बस ये चाहते है

मेरी तकलीफ सिर्फ मेरी है,किसी को बताउं क्यूं!
अगर कोई खुश है मुझसे मिल के तो सताउं क्यु!

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11 SEP 2021 AT 17:42

तो सुनो

"सुनते सभी हैं, पर मानता कोई नही
जानते सभी है, पर कहता कोई नही
गलती मेरी है, जो हर बात सच्च कहता हुं
अगर कह दिया सबने, तो गलत माने जायेंगे"

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11 AUG 2021 AT 17:19

हर किसिकी
और पढ़ना हर कोई दुसरे की चाहता है
अपनी नही.......!

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9 AUG 2021 AT 11:55

"मैं पागल नहीं हुँ , बनाया जा रहा हुँ" कोई नहीं सुनता तकलीफ मेरे दिल की
मै परेशान हुँ फिर भी सताया जा रहा हुँ
मैं पागल नहीं हुँ..............

एक बार तो आया मन में चलो मर जाते हैं
फिर भी कुछ अपनो के लिये जिये जा रहा हुँ
मैं पागल नहीं हुँ..............

ना जाने कब रूकसत होंगे गम मेरी दुनिया से
मैं अभी तक गम ए कुर्बत के जाम पिये जा रहा हुँ
मैं पागल नहीं हुँ.............

लोग कहते हैं के हम परेशान हैं तुमसे,तुम चले जाओ
मैं कहता हुँ सामान समेट लुं बस अभी जा रहा हुँ
मैं पागल नहीं हुँ.............

लोग पागल समझते हैं मुझे मै दर्दों का मारा हुँ
मैं पागल नहीं हुँ , बनाया जा रहा हुँ
मैं पागल नहीं हुँ............

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7 AUG 2021 AT 15:19

वो पुराने दिन
बचपन के खेल सुहाने थे!
आंख मिचोली,लोहा लक्कड़,
या सिपी के छुपे खजाने थे
चाचा के चुटकुले,दादी की कहानी,
नाना के गजब फसाने थे!
याद हैं तुम्हे वो पुराने दिन.....!

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30 JUL 2021 AT 10:34

मुकदमा इश्क का हमपर भी चलेगा,हम भी तो सहभागी हैं।
कैद बाहों की हमे भी देदो , अब सारी उम्र जो बाकी है।

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30 JUL 2021 AT 10:26

देखे जाओ ,
कितना गजब नजारा है।
कदम बढाओ चलते जाओ,
ये सब कुछ बस तुम्हारा है।

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22 JUL 2021 AT 8:11

रास्ते अपने आप मिल जाते हैं!
कोई चाहे ना चाहे जाना वहां,
कदम खुद ब खुद चले जाते हैं!

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