तेरे बिना कितना अधूरा हूं
कैसे बताऊं तुम्हे!
कैसे बताऊं तुम्हे...
तुम नहीं तो इस जीवन का संगीत नहीं
तुम नहीं तो फूलों में वो खुशबू नहीं
तुम नहीं तो भंवरो की वो आहट नहीं
तुम नहीं तो सावन की बारिश नहीं
पहाड़ों पर वो हरियाली नहीं,गुलशन में बहारें नहीं
सागर में वो लहरें नहीं,पंछियों की वो चहचहाहट नहीं
ओर तुम हो तो...
लौट आता हैं सब कुछ
लौट आते हैं मधुमास के दिन
पंछी भौर होते ही गाने लगते हैं
लौट आती हैं हवाओं में वो खुशबू
ये पहाड़,बर्फ,झरने,हरियाली
सब का आगमन हो जाता हैं फिर से
ओर लौट आती हैं मेरे जीवन में अंधेरों की वो रोशनी फिर से
हां लौट आता हैं जैसे सब कुछ.....
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