आँखों को कभी कभी धोया करो
ख्वाब तुम कभी कभी रोया करो,
फ़िज़ूल नही माँ के पुराने नुक़्शे
कड़वाहटों को नमक में डुबोया करो,
माना लाज़मी है जागती दुपहरे
कशमकश है रात में सोया करो,
मशहूर है तुम्हारा ढूंढने का हुनर
कभी अपना पता भी खोया करो,
और हासिल है एक जरखेज जिगर
ज़ज़्बातों को ठीक से भिगोया करो,
ये शजर जो सुख गया तो क्या हुआ
बेबाक तुम कुछ गुठलिया बोया करो!!-
Vishal Vishu Soni
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शब्दो में क्या बयां करु खुद को
पढ़ लो अल्फ़ाज़ मेरे समझ जाओ मुझे
पढ़ लो अल्फ़ाज़ मेरे समझ जाओ मुझे
Joined 12 June 2018
26 JAN 2022 AT 13:47
21 JUL 2021 AT 12:51
हौसलों की आँधिया इतनी तेज होनी चाहिए,
कि साजिशों का सिक्का पूरी तरह पलट जाए..!!-
9 MAR 2021 AT 7:35
ये मैं ही था जो बचा कर ले आया कश्ती किनारे पर,
समंदर ने तो बहुत मौके दिए थे डूब जाने को😐-
3 SEP 2020 AT 21:47
शब-ए-गम की सहर नही होती,
हो भी तो मेरे घर पर नही होती!
जिंदगी तू ही मुख्तसर हो जा,
शब-ए-मुख्तसर नही होती!!-
8 JUL 2020 AT 12:43
वाकिफ हूं इंसानों की गिरगिट वाली फितरत से,
रंग बदलते लोगों से अब खास तकलीफ नहीं होती....-
2 JUL 2020 AT 7:45
ये हुनर जो आ जाये, तो आपका ज़माना है,
पाँव किसके छूने हैं, सर कहाँ झुकाना है!!-
27 JUN 2020 AT 19:49
#संघर्ष
मैं रातों को भी जागा हूँ ,शहर के हर कौने में भागा हूँ !
बुनते है सपने जिससे , हाँ मैं वही धागा हूँ ॥-
11 JUN 2020 AT 17:14
मकान इतने बन गए हैं शहर में विशाल,,,
ज़मीन भरी हुई है पर दिल सभी के खाली है!!!!-