Vishal Tarkar   (वि. र. तारकर.)
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Joined 12 July 2020


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Joined 12 July 2020
9 JAN 2024 AT 22:06

ती अजूनही माझ्यावर प्रेम करते,
हे मला आजही तिच्या नकळत कळतं.
जेव्हा तिचं बोट कुतूहलाने,
माझ्या व्हॉट्सॲपच्या स्टेटसकडे वळतं.
ती आजही माझ्या स्टेटस मध्ये,
चेहरा माझा न्याहाळते.
ती आजही आमच्या विलगतेने,
हुंदका दडवून क्षणांचं मौन पाळते.

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15 OCT 2023 AT 23:16

गमों से वास्ता न रखने की तैयारी की गई,
यह बात और थी कि बात बात में बात की गई।

उनको भुलाने की कोशिश में शराब पी गई,
और तो और थोड़ी नहीं, बहुत पी गई।

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12 OCT 2023 AT 21:59

बिगाड़ने के बाद संवारने आए हैं,
जीते जी मरने के बाद,फिर मारने आए हैं।

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2 OCT 2023 AT 12:29

कितने शौक से गुज़ारी गई ज़िंदगी,
कितने नाज़ से नाम लिया गया?

तुमने क्यों की तकल्लुफ मारने की ?
मैं मुरदा ही था,बस फिर से मार लिया गया।

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25 SEP 2023 AT 12:10

आप आईए,आप बैठिए,आप फनाह कीजिए,
मैं आपही का हूं सारा का सारा,जैसे मर्ज़ी तबाह कीजिए।

मैं यह नहीं कहता आप साथ दीजिए मेरा उम्रभर,
बस जब तक निबाही हो तब तक निबाह कीजिए।

सुबह,रात,शाम,पहर,मौसम कईं आए आंगन में,
आप जब भी आए तभी सुहावनी सबा कीजिए।

मैंने पुरी कायनात के सामने थाम लिया है हाथ तेरा,
अब आप आकर मेरी कायनात ए ज़िंदगी रबा कीजिए।

मेरे जाने के बाद तुम्हें मेरे जाने का पछतावा न हो,
आप मिरी कब्र पर आके तहे दिल से तौबा कीजिए।


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23 SEP 2023 AT 20:30

"कितनों का ख़्वाब हो तुम,और...
और क्या ? बस,एक ख़्वाब हो तुम।"

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13 SEP 2023 AT 23:43

यह रात भी बीत गई इंतज़ार में उनके,
कहां था जिन्होंने कभी,चांद के साथ आएंगे वह भी।"

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13 SEP 2023 AT 13:13

ज्ञान में वह सामर्थ्य है जो,
रंक को भी राजा बना सकता हैं।

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12 SEP 2023 AT 0:11

"यह क्या ही सितम हैं के, तुम्हें भूलना पड़ेगा !
हमको क्या यह भी गम अब झेलना पड़ेगा ?"

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9 SEP 2023 AT 23:18

मेरी कबा के दामन पे गुल खिले हैं मुहब्बत के,
फकत देखना यह हैं के भूल कौन करता हैं?

मेरी जवानी जो बीत गई इंतज़ार ए आशिक़ी में,
अब देखना यह हैं मुझपर जवानी फ़िज़ूल कौन करता हैं?

अब के बार मिलना तो स्याह ए परदा हटाके मिलना,
देखू में भी कब्र पर ख़रिज ए अकीदत फुलों से कौन करता हैं?

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