मोहब्बत में उसने हमें आजमाया बहुत है -
अपना बनाकर उसने हमें सताया बहुत है -
जो कहता था आंखो में आंसु नहीं आने दुंगा -
उसने हमें रूलाया बहुत है-
हम शायर हैं जनाब
हम कुछ गम शीने में कुछ किताबों में रखते हैं -
जो किस्मत में नहीं उसे ख्वाबों में रखते हैं-
आशिकों जैसी हालत हैं अपनी - हम भी शौक महखानो का रखतें हैं -
तन्हाई पसंद है हमें हम अपना घर भी तहखानों सा रखते हैं-
ख्वाहिशे दफन है सीने में -
मोहब्बत के पलडे अब भारी नही होते -
किसी को कितना भी चाह लो -
अगर किस्मत मे ना हो तो - रोने गिडगिडाने से भी हमारे नही होते -
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फूल मोहब्बत के कुछ यू खिल जाए
❤🥰💞
एक ख्वाहिश है मेरी की वो मुझे मिल जाए-
तुम्हारी तरह झूठ बोलकर हमें सताना नहीं आता... इतना ना रूठा करो हमसे हर बार हमें मनाना नहीं आता... किसी दिन हम रूठकर चलें गये तों समझ लेना तुम्हारी जिंदगी में हम नहीं... क्योंकि हमे दोबारा लौटकर आना नहीं आता...
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बहुत दूर निकल गया था मैं खुद की तलाश करते करते लोगों ने मुसाफिर समझ लिया मुझे चलता देखकर
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तू बेवजह रूठकर जाएगी शौक से जा...बस याद रहे की मुड़कर देखने की आदत हमे भी नही
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तेरी ही तरह सताते है तेरे शहर के लोग... मुसाफिरो को गलत रास्ता बताते हैं तेरे शहर के लोग... मुझे तो बदनाम कर दिया तूने अपने शहर में... पूछने पर पता चला तुझे भी बेवफा बताते हैं तेरे शहर के लोग
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टूटा हुआ दिल हैं उसकी यादों से जुड़े दिल के तार है ••• किसी ओर की चाहत नहीं हमें आज भी उसी से मोहब्बत है आज भी उसी का इंतजार है
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