कहीं नहीं गया यही हु मै सुन मेरी आवाज को
लेके रेशम का रुमाल पोछने आया हूं तेरी आंख को
और मुकरा नही हूं उन वादों से
गम तो हिसा है एक सच्ची मोहब्बत का 😉-
28 NOV 2021 AT 20:16
27 DEC 2020 AT 10:40
“ एक दिन उम्र ने तलाशी ली, तो जेब से लम्हे बरामद हुए. कुछ ग़म के थे, कुछ नम से थे, कुछ टूटे हुए थे, जो सही सलामत मिले, वो बचपन के थे”
-
6 OCT 2020 AT 22:37
मै तुम से तू बन गया😟
और तू से आप 😮
क्यों की मै बेटी का 😕
और तुम बेटे के थे बाप☹️-
4 SEP 2020 AT 22:12
जीत कर बैठ जाना हार के समान हैं 🥴
और हार के उठना जीत के समान है 😉-