Vishal Sharma   (✍️© विशाल शर्मा "रावण")
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My self vishal sharma
Theater actor
Dance choreographer
Director
Script writer
Anchor
Joined 31 May 2018


My self vishal sharma
Theater actor
Dance choreographer
Director
Script writer
Anchor
Joined 31 May 2018
19 MAR AT 22:09

मांगा किसी ने सबूत मुझसे मेरी ईमानदारी का,
मैंने मुस्कुराकर कहा— कभी मुझे चैन से सोते हुए देखना।

जो सच्चाई का सौदा नही करते हैं,
उनकी रातें सवालों में नहीं कटतीं।
न कोई डर, न कोई बोझ,
बस आत्मा की शांति उन्हें सुला देती है।

अगर शक हो मेरी नीयत पर,
तो मेरी नींद की गहराई को परख लेना।
जिसका ज़मीर बेदाग़ हो,
उसे सुकून से सोने का हक़ होता है।

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14 MAR AT 23:04

युही नही छोड़ कर गए लोग हमे
अब पता लगा गलतियों का पुतला हुँ मै

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29 DEC 2024 AT 0:49

इतनी उत्सुकता से मिलते हैं वो
जो मन में कपट लिए हैं

दोगले मित्रों की तुलना में
मुझे शत्रु अधिक प्रिय है

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1 NOV 2024 AT 11:43

दो प्रेमी प्रेम थे या है

हिम्मत न कर पाए शादी हो गई
अरे नही वो प्रेमी से नही हुई

लेकिन फिर भी वो प्रेम मे है
पहले एक को धोख़ा दिया शादी न करके
अब एक और धोख़ा हो रहा है शादी करके
क्योंकि वो प्रेम मे है

या फिर वो धोखेबाज़ है
एक पत्नी या पति है
तो दूसरी रखेल या दूसरा पति है
प्रेम था तो शादी करते

अब धोख़ा क्यों दे रहे हो
जो भी कर रहे हो लेकिन
प्रेम को बदनाम तुम्ही कर रहे हो
ओकात न हो निभाने की

तो ज़रूरत ही क्या थी
प्रेम मे आने की ........

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20 OCT 2024 AT 20:30

प्रेम मे हो ...अगर तुम
आँखे बन्द कर मदहोश हो

लेकिन समझ हो अच्छे बुरे की
केवल इतना सा होश हो...

प्रेम मे हो... अगर तुम..

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8 JUN 2024 AT 6:16


"शक" सौ प्रतिशत सच नही होता
लेकिन
"शक" सौ प्रतिशत झूठ भी नही होता

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26 MAY 2024 AT 17:01

क्यों लिखने लगा हूँ फिर से
अब फिर आघात हुआ है कहीं
कलम भी आँख दिखा रही है अब
बोल रही है फिर से आ गया ना यही

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26 MAY 2024 AT 16:52

जब भी किसी को दूर जाना हुआ मुझसे
फिर खूबियां छोड़ मेरी कमियों पर बात होने लगी ।

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25 MAY 2024 AT 22:43

अब फिर वही अल्फाज
दोहराए जा रहे है

धमकियाँ फिर से
शुरू हो गई है

तमीज़ फिर से
मर्यादा लांग रही है

असल रूप से
अंजान होने की बात हो रही है

वो सब फिर से बोला जा रहा है
जो पहले भी सुन चुका हूँ

ये सब तूफान से
पहले की शांति सी है

क्या अब इतिहास फिर से
खुद को दोहरान्ने वाला है

✍️- विशाल शर्मा "रावण"

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1 JAN 2024 AT 14:24

उसकी हवस खेल गई जिस्म से
और वो बेचारी इश्क समझती रही

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