मांगा किसी ने सबूत मुझसे मेरी ईमानदारी का,
मैंने मुस्कुराकर कहा— कभी मुझे चैन से सोते हुए देखना।
जो सच्चाई का सौदा नही करते हैं,
उनकी रातें सवालों में नहीं कटतीं।
न कोई डर, न कोई बोझ,
बस आत्मा की शांति उन्हें सुला देती है।
अगर शक हो मेरी नीयत पर,
तो मेरी नींद की गहराई को परख लेना।
जिसका ज़मीर बेदाग़ हो,
उसे सुकून से सोने का हक़ होता है।-
Theater actor
Dance choreographer
Director
Script writer
Anchor
इतनी उत्सुकता से मिलते हैं वो
जो मन में कपट लिए हैं
दोगले मित्रों की तुलना में
मुझे शत्रु अधिक प्रिय है-
दो प्रेमी प्रेम थे या है
हिम्मत न कर पाए शादी हो गई
अरे नही वो प्रेमी से नही हुई
लेकिन फिर भी वो प्रेम मे है
पहले एक को धोख़ा दिया शादी न करके
अब एक और धोख़ा हो रहा है शादी करके
क्योंकि वो प्रेम मे है
या फिर वो धोखेबाज़ है
एक पत्नी या पति है
तो दूसरी रखेल या दूसरा पति है
प्रेम था तो शादी करते
अब धोख़ा क्यों दे रहे हो
जो भी कर रहे हो लेकिन
प्रेम को बदनाम तुम्ही कर रहे हो
ओकात न हो निभाने की
तो ज़रूरत ही क्या थी
प्रेम मे आने की ........
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प्रेम मे हो ...अगर तुम
आँखे बन्द कर मदहोश हो
लेकिन समझ हो अच्छे बुरे की
केवल इतना सा होश हो...
प्रेम मे हो... अगर तुम..-
"शक" सौ प्रतिशत सच नही होता
लेकिन
"शक" सौ प्रतिशत झूठ भी नही होता-
क्यों लिखने लगा हूँ फिर से
अब फिर आघात हुआ है कहीं
कलम भी आँख दिखा रही है अब
बोल रही है फिर से आ गया ना यही-
जब भी किसी को दूर जाना हुआ मुझसे
फिर खूबियां छोड़ मेरी कमियों पर बात होने लगी ।
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अब फिर वही अल्फाज
दोहराए जा रहे है
धमकियाँ फिर से
शुरू हो गई है
तमीज़ फिर से
मर्यादा लांग रही है
असल रूप से
अंजान होने की बात हो रही है
वो सब फिर से बोला जा रहा है
जो पहले भी सुन चुका हूँ
ये सब तूफान से
पहले की शांति सी है
क्या अब इतिहास फिर से
खुद को दोहरान्ने वाला है
✍️- विशाल शर्मा "रावण"-