Tumhare sath raste itne haseen h
ki manjil ki fikar karni ,ab chhor di humne-
*लहर*
बोल कितनी बड़ी लहरो को,
पार करना होगा तुझे पाने के लिए,
बोल कितनी बड़ी लहरो को,
पार करना होगा तुझे पाने के लिए,
मैं तो कब से सुनामी का इंतज़ार कर रहा हुँ।-
मतलब भरी दुनिया में,
बिना मतलब देखे प्यार कर बैठे हो,
अंज़ाम तो विरुध्द होना ही था।-
शहर अपना, बेगाना सा लगता है ,
गाँव की ज़मीन, छोड़ कर जो आए हैं।
घर अपना अंजना सा लगता है ,
असियाना गाँव का, तोड़ कर जो आए हैं।-
*यादों की गुलामी*
हमारे प्यार को ठुकरा कर , हमें अज़ाद कहने वाले,
तेरे यादों की गुलामी, तो हम आज भी करते हैं।-
*पाँव देखता हूँ मैं*
आईने के सामने खरे, मैं अपने पाँव देखता हूँ,
आईने के सामने खरे, मैं अपने पाँव देखता हूँ,
सोचो तेरे इश्क़ में, कितना गिरा हूँ मैं।-
*दिवानों की जात*
पता नहीं पर शायद लगता हैं,
दीवानों की जात भी अंधी होती हैं ;
बिचारे चाह कर भी,
नुक्स नहीं निकल पाते हैं "अपने महबूब में"......-
*OPAQUE CRANIUM*
If you think, You contained your every intension, emotions and feelings in an opaque cranium and you can hide them inside there,and no one going to know it, so don't act like fool because your face have enough transparency, to show all.-
अगर लिखने से कोई मिल जाता,
तो,
इश्क़ के बाज़ार में, कलम सबसे महंगे होते।-